मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या है ‘गुपकार 2.0’? जिसे लेकर कश्मीर के नेताओं ने बुलाई बैठक

क्या है ‘गुपकार 2.0’? जिसे लेकर कश्मीर के नेताओं ने बुलाई बैठक

गुपकार समझौते को नया रूप देने के लिए महबूबा मुफ्ती समेत तमाम बड़े नेताओं की बैठक

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
गुपकार समझौते को नया रूप देने के लिए महबूबा मुफ्ती समेत तमाम बड़े नेताओं की बैठक
i
गुपकार समझौते को नया रूप देने के लिए महबूबा मुफ्ती समेत तमाम बड़े नेताओं की बैठक
(फोटो: AlteredByQuint)

advertisement

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए तमाम नेताओं की अब रिहाई हो चुकी है. हाल ही में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को भी करीब 14 महीने बाद रिहा कर दिया गया. लेकिन अब जम्मू-कश्मीर के तमाम स्थानीय दलों ने केंद्र के खिलाफ नया मोर्चा खोलने का फैसला किया है. इसके लिए 15 अक्टूबर को फारूक अब्दुल्ला के घर पर एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें गुपकार समझौता-2 (Gupkar Declaration II) पर सभी दलों के हस्ताक्षर होने हैं.

इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के तमाम बड़े और छोटे राजनीतिक दलों ने मिलकर पिछले साल हटाए गए स्पेशल दर्जे को लेकर चर्चा की. बैठक में हाल ही में रिहा हुईं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हिस्सा लिया.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ने उनकी रिहाई के बाद उनसे मुलाकात की थी और बैठक के लिए न्योता दिया था. लेकिन आखिर ये गुपकार समझौता क्या है? जिसके लिए अब जम्मू-कश्मीर के तमाम दल लामबंद हो रहे हैं.

क्या है गुपकार समझौता?

पहले गुपकार शब्द का मतलब आपको समझा देते हैं. दरअसल गुपकार एक सड़क का नाम है, जिस सड़क पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला का घर स्थित है. बैठक उनके घर पर हुई थी, इसीलिए इसे गुपकार समझौते का नाम दे दिया गया. अब अगर गुपकार समझौते को समझना है तो इसके लिए एक साल पहले जाना होगा. पिछले साल यानी 2019 में अगस्त महीने की शुरुआत में ही जम्मू-कश्मीर में हलचल दिखनी शुरू हो गई.

कश्मीर में अचानक कई हजार जवानों की तैनाती होने लगी. साथ ही तमाम पर्यटकों के लिए एडवाइजरी जारी हो गई और कहा गया कि वो जल्द से जल्द कश्मीर से वापस लौट जाएं. अमरनाथ यात्रा को भी रोक दिया गया. इसके बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने कहीं न कहीं ये अंदाजा लगा लिया कि कुछ तो बड़ा होने वाला है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

4 अगस्त 2019 को हुई बैठक

आर्टिकल 370 हटाने के प्रस्ताव पेश होने से ठीक एक दिन पहले यानी 4 अगस्त 2019 को करीब 8 स्थानीयत दलों ने फारूक अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित घर पर एक बैठक बुलाई. इस बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसे गुपगार समझौते का नाम दिया गया.

इस बैठक में सभी दलों ने ये फैसला किया था कि वो जम्मू-कश्मीर की स्वायत्ता और उसे मिले स्पेशल दर्जे को बचाने के लिए एकजुट रहेंगे. बताया गया था कि इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वालों में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, जम्मू-कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस और आवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख दल थे.

अब कई महीनों और साल के बाद जब तमाम बड़े दलों के नेताओं की रिहाई हो चुकी है तो ऐसे में एक बार फिर गुपकार समझौता-2 के लिए बैठक बुलाई गई. ये बैठक फिर से फारूक अब्दुल्ला के घर पर बुलाई गई.

क्या है गुपकार समझौता-2?

अब इस बार बुलाई गई बैठक में गुपकार समझौता-2 को लेकर चर्चा हुई. दरअसल इस समझौते को लेकर 22 अगस्त 2020 को जम्मू-कश्मीर के नेताओं ने बैठक बुलाई थी. इसमें पिछले गुपकार समझौते में जो भी चर्चा हुई थी उसे एक नया रूप देने को लेकर बातचीत हुई. इस गुपकार समझौते में कहा गया है कि हम सभी लोग आर्टिकल 370, जम्मू-कश्मीर के संविधान और राज्य के दर्जे की वापसी के लिए समर्पित हैं. किसी भी हालत में राज्य का बंटवारा मंजूर नहीं होगा. इस समझौते में कहा गया है कि 5 अगस्त 2019 को जो फैसले लिए गए वो असंवैधानिक थे. इससे जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके अधिकारों से दूर किया गया और मूल पहचान को खत्म करने की कोशिश की गई.

15 अक्टूबर को हुई इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और आर्टिकल 370 हटाए जाने को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा हुई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT