मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Jaunpur Loksabha: BJP के समर्थन में क्यों आए धनंजय सिंह, जानिए इस सीट पर क्या बन रहे सियासी समीकरण?

Jaunpur Loksabha: BJP के समर्थन में क्यों आए धनंजय सिंह, जानिए इस सीट पर क्या बन रहे सियासी समीकरण?

Jaunpur Politics: जौनपुर लोकसभा में कुल 10 प्रतिशत ठाकुर, 9 प्रतिशत ब्राह्मण, 12 प्रतिशत यादव, 8 प्रतिशत कुशवाहा-मौर्या,16 प्रतिशत अनुसूचित वर्ग, 13 प्रतिशत मुसलमान हैं.

चंदन सिंह राजपूत
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>Jaunpur Loksabha: धनंजय सिंह का BJP को समर्थन से क्या जौनपुर में बदल जाएगा सियासी समीकरण?</p></div>
i

Jaunpur Loksabha: धनंजय सिंह का BJP को समर्थन से क्या जौनपुर में बदल जाएगा सियासी समीकरण?

फोटो- क्विंट हिंदी

advertisement

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election) के छठे चरण का चुनाव 25 मई को होना है. इस चरण में 7 राज्यों की 57 सीटों पर चुनाव होने हैं. इसमें उत्तर प्रदेश की 14 सीटें भी शामिल हैं. इन सीटों में से एक सीट है जौनपुर.

ये सीट बीते कुछ वक्त से लाइमलाइट में है लेकिन यहां सियासी चर्चा तब और तेज हो गई जब बहुजन समाजवादी पार्टी ने नामांकन के आखिरी दिन 6 मई को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह (Dhananjay Singh) की पत्नी श्रीकला रेड्डी (Srikala Reddy) का टिकट बदलते हुए मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को टिकट दे दिया.

हालांकि, श्रीकला रेड्डी का टिकट अंतिम समय में क्यों बदलना पड़ा, यह तो स्पष्ट नहीं है. बीएसपी के कोऑर्डिनेटर घनश्याम चंद खरवार ने इस पर मीडिया को दिए बयान में कहा था कि उन्हें धनंजय सिंह का फोन आया था कि उनकी पत्नी चुनाव नहीं लड़ सकती हैं और आप कोई दूसरा कैंडिडेट ढूंढ लीजिए.

हालांकि धनंजय सिंह ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन बीते दिनों एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने बीजेपी का समर्थन किया था.

इसके अलावा 15 मई को श्रीकला रेड्डी ने एक्स पर एक पोस्ट में गृह मंत्री अमित शाह के साथ शिष्टाचार भेंट करते हुए तस्वीर पोस्ट की थी.

लेकिन धनंजय सिंह की ओर से बीजेपी के समर्थन के ऐलान के बाद क्या समीकरण बनेंगे, इस पर बात करेंगे लेकिन पहले जान लें कि इस सीट पर उम्मीदवार कौन-कौन हैं?

बीजेपी ने इस सीट पर कृपाशंकर सिंह को मैदान में उतारा है. कृपाशंकर सिंह की राजनीति मुंबई और महाराष्ट्र में फली-फूली है. महाराष्ट्र में रहते हुए वे तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. कृपाशंकर सिंह महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और 1999 से 2003 तक विलासराव देशमुख सरकार में गृह राज्य मंत्री थे. साल 2021 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गए.

गौरतलब है बीजेपी प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह जौनपुर के मूल निवासी हैं और राजपूत समुदाय से आते हैं.

समाजवादी पार्टी की ओर से बाबू सिंह कुशवाहा इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हैं. बाबू सिंह कभी बीएसपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा वह चर्चित एनआरएचएम घोटाले के आरोपी भी हैं. इसी घोटाले की वजह से उन्हें 2011 में बीएसपी सरकार के परिवार कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी ने मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया गया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है जौनपुर का सियासी समीकरण?

जौनपुर लोकसभा में कुल 10 प्रतिशत ठाकुर, 9 प्रतिशत ब्राह्मण, 12 प्रतिशत यादव, 8 प्रतिशत कुशवाहा-मौर्या,16 प्रतिशत अनुसूचित वर्ग, 13 प्रतिशत मुसलमान हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख 58 हजार 554 मतदाता हैं.

जौनपुर लोकसभा में पांच विधानसभा सीटें हैं. इनके नाम मल्हनी, बदलापुर, मुंगरा बादशाहपुर, शाहगंज और जौनपुर सदर हैं. 2022 विधानसभा में बीजेपी ने जौनपुर सदर और बदलापुर विधानसभा की सीट जीत ली थी. बीजेपी की सहयोगी निषाद पार्टी ने शाहगंज सीट जीता था जबकि मुंगरा बादशाहपुर और मल्हनी की विधानसभा सीटें समाजवादी पार्टी ने जीती थी.

यूपी की राजनीति पर नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रतन मणि लाल ने क्विंट हिंदी को बताया, "जौनपुर में धनंजय सिंह की वजह से ही लोग चुनाव जीतते आएं. यहां किसी की भी जीत में उनकी अहम भूमिका होती है. अभी जो वहां के मौजूदा सांसद हैं- श्याम सिंह यादव. बेशक वे मजबूत उम्मीदवार है लेकिन उनकी जीत भी धनंजय सिंह के समर्थन की वजह से ही हुई थी."

"मुझे नहीं लगता कि किसी दूसरे उम्मीदवार के लिए इस सीट पर बहुत ज्यादा गुंजाइश है."
रतन मणि लाल, वरिष्ठ पत्रकार

धनंजय सिंह के समर्थन से बीजेपी को कितना फायदा ?

धनंजय सिंह 2009 में जौनपुर से सांसद बने. इसके बाद 2014 में वह निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए. साल 2002 में उन्होंने जौनपुर के रारी विधानसभा से जेल में रहते हुए चुनाव जीता था. इसके बाद 2007 में दोबारा चुनाव में उतरे और विधायक बने. इसके अलावा वह 2020 (उपचुनाव) और 2022 में भी विधानसभा चुनाव लड़े लेकिन हार गए.

इस बार भी चुनाव की घोषणा से पहले उनके चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर थी. जौनपुर के स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक, वह चुनाव लड़ने की अपनी तैयारी में लगे हुए थे.

मगर इस बीच ही 6 मार्च 2024 को जौनपुर की एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उन्हें नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण और रंगदारी वसूलने के एक मामले में दोषी पाया और 7 साल की सजा सुना दी. इस सजा की वजह से ही वे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो गए.

रतन मणि लाल कहते हैं, "2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शुरुआत में शायद धनंजय सिंह को विश्वास में लिए बगैर ही अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी हो इसलिए धनंजय सिंह ने अपनी पत्नी श्रीकला रेड्डी को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन बाद में हो सकता बीजेपी से उनकी कोई बातचीत हुई हो और बीजेपी ने आश्वासन दिया हो हम आपका 'ख्याल' रखेंगे."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT