मेंबर्स के लिए
lock close icon

बिहार के राजनीतिक भूचाल का केंद्र सरकार पर असर

जानिए जेडीयू के एनडीए में वापसी का बिहार से लेकर केंद्र सरकार की राजनीति पर कितना असर पड़ेगा 

द क्विंट
पॉलिटिक्स
Published:
पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार
i
पीएम मोदी के साथ नीतीश कुमार
(फाइल फोटोः Twitter)

advertisement

बिहार महागठबंधन टूटने की अटकलों के बीच नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं. अब चर्चा है कि नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के समर्थन से सरकार बना सकते हैं. अगर जेडीयू दोबारा एनडीए का हिस्सा बनती है तो बिहार से लेकर केंद्र तक की राजनीति में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा.

बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का सत्ता में पहुंचने का सपना भले ही महागठबंधन के आगे चूर-चूर हो गया हो लेकिन अब महागठबंधन में सेंध लगाकर बीजेपी सरकार में सहयोगी बनने के लिए तैयार है. इस गठबंधन के बाद न सिर्फ बीजेपी न सिर्फ बिहार की सत्ता में भागीदारी दर्ज कराएगी बल्कि राज्यसभा में भी एनडीए को मजबूती मिलेगी.

राज्यसभा में मजबूत होगा एनडीए

केंद्र में भले ही एनडीए की बहुमत वाली सरकार हो लेकिन राज्यसभा में वह अभी भी मजबूत नहीं है. लेकिन अब एनडीए में जेडीयू की वापसी के बाद उसे राज्यसभा में भी मजबूती मिलेगी. राज्यसभा में एनडीए के कुल 74 मेंबर्स हैं और जेडीयू के दस. ऐसे में अब एनडीए के पास कुल मिलाकर 84 मेंबर्स हो जाएंगे.

बिहार में बीजेपी के सहयोग से सरकार बनी तो...

बिहार में मुख्यमंत्री पद से नीतीश के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने गेंद जेडीयू के पाले में फेंक दी है. इस्तीफे के तुरंत बाद पीएम मोदी ने नीतीश को ट्वीट कर बधाई दी. वहीं बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने कहा है कि पार्टी सरकार बनाने के लिए नीतीश को बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार है.

अगर बिहार में बीजेपी के सहयोग के सरकार बनती है तो नीतीश सरकार में बीजेपी की भी भागीदारी होगी. बिहार बीजेपी के दिग्गज नेताओं को नीतीश मंत्रिमंडल में जिम्मेदारी दी जा सकती है. चर्चा यह भी है कि बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी को नीतीश सरकार में उप-मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

केंद्र सरकार में होगी जेडीयू की भागीदारी!

बिहार में अगर जेडीयू-बीजेपी का गठबंधन होता है तो इसका असर केंद्र की राजनीति पर भी पड़ेगा. एनडीए से अलग होने के बाद से जेडीयू की केंद्र सरकार में भागीदारी नहीं थी लेकिन अब इस गठबंधन के दोबारा होने के बाद जेडीयू नेताओं को फिर केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है.

जनता दल यूनाइटेड के कुल 71 विधायक हैं. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 58 विधायक हैं. इन दोनों को मिलाकर कुल संख्या 129 होती है जो कि बहुमत के लिए पर्याप्त है.

(हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT