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उत्तरप्रदेश में विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. दयाशंकर और स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब जेडीयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कानपुर में विवादित बयान दिया है.
शरद यादव ने कानपुर में कहा कि मोदी नौकरियों का वादा कर केंद्र की सत्ता में आए थे. लेकिन कांवड़ियों की बढ़ती तादाद से इस बात का पता चलता है कि नौकरियां नहीं बढ़ी हैं. कानपुर में वे मोदी सरकार पर बेरोजगारी के सवाल के बहाने निशाना साध रहे थे.
कांवड़ियों को बेरोजगारी का प्रतीक बताने के कारण हिंदु साधुओं और धर्म गुरुओं ने आपत्ति जताई है. सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्र नंद और हिंदु महासभा के स्वामी चक्रपाणी ने बयान पर विरोध दर्ज कराया है.
उनके मुताबिक यह परंपरा सालों से चली आ रही है और सभी वर्ग के लोग इसमें हिस्सा लेते हैं. कांवड़ यात्रा सावन के महीने में आयोजित की जाती है.
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