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झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा और उसके बाद टिकट बंटवारे को लेकर उपजे असंतोष के बाद बीजेपी अब 'डैमेज कंट्रोल' में जुट गई है. बीजेपी इस बार दिग्गजों के भरोसे झारखंड विधनसभा चुनाव फतह करने की कोशिश में है. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी को चुनावी मझधार पार कराने के लिए प्रधानमंत्री अब यहां छह से आठ चुनावी सभाओं को संबोधित कर सकते हैं.
बीजेपी के टिकट बंटवारे से नाराज कई 'अपने' बगावत कर दूसरे दलों में चले गए और वहां से टिकट लेकर चुनावी मैदान में बीजेपी प्रत्याशियों के खिलाफ खम ठोंक रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि सरयू राय सरीखे नेता के पार्टी छोड़ने और अजसु का साथ छूट जाने का प्रभाव इस चुनाव में न पड़े, इसके लिए बीजेपी ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया है.
बीजेपी के एक नेता के अनुसार, प्रदेश बीजेपी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ज्यादा समय प्रचार के लिए चाहती है. पहले बीजेपी की रणनीति प्रधानमंत्री की यहां चार-पांच चुनावी सभाएं आयोजित करने की थी, लेकिन अब इन चुनावी सभाओं की संख्या बढ़ा कर आठ-नौ की जा सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री 25 नवंबर को पलामू और गुमला में सभाएं कर सकते हैं.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी राष्ट्रीय मुद्दों को तो चुनाव में उठाएगी ही, परंतु स्थानीय मुद्दों को ज्यादा तरजीह दी जाएगी. बीजेपी ने चुनावी गतिविधियों पर नजर रखने लिए रांची में वार रूम बनाया है, जहां से चुनावी गतिविधियों को समझा जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी इस चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों पर ज्यादा ध्यान दे रही है. यही कारण है कि संथाल परगना क्षेत्रों पर बीजेपी के नेता पूरा जोर लगाए हुए हैं.
बीजेपी इस चुनाव में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनावी सभाओं के लिए उतारेगी. इसके अलावा बिहार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के सांसदों को भी झारखंड में प्रचार में उतारने की योजना है. बिहार के कई नेता और कार्यकर्ता पहले से ही झारखंड के चुनावी अभियान में उतरे हुए हैं.
गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होने हैं. नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे.
(आईएएनएस)
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