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झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे अब कुछ ही देर में साफ हो जाएंगे. मौजूदा रुझानों में कांग्रेस-जेएमएम और आरजेडी के गठबंधन की सरकार बनती दिख रही है. हालांकि अभी भी किसी पार्टी या गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा. लेकिन इन्हीं रुझानों के बीच एक झारखंड में एक मिथक सच होने जा रहा है. झारखंड में अब तक जितने भी चुनाव हुए, उसमें मौजूदा मुख्यमंत्रियों को अपनी सीट गंवानी पड़ी है. फिलहाल रघुवर दास भी इसी मिथक को बढ़ाते हुए पिछड़ते दिख रहे हैं.
झारखंड में मौजूदा मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली हार का नतीजा है कि 19 साल में इस राज्य ने 6 मुख्यमंत्री देख लिए हैं. अब इस बार भी यही रिकॉर्ड दोबारा बनता दिख रहा है.
जमशेदपुर पूर्व सीट से बीजेपी के बागी नेता सरयू राय ने मुख्यमंत्री रघुवर दास पर जिस तरह से बढ़त बनाई है, उससे सवाल उठ रहा कि क्या रघुवर दास राज्य में मुख्यमंत्रियों की अपनी सीट गंवाने का मिथक तोड़ पाएंगे या फिर वह भी इस मिथक का हिस्सा बन जाएंगे. हालांकि 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले मुख्यमंत्री के तौर पर रघुवर दास इतिहास जरूर रच चुके हैं.
वाजपेयी सरकार में साल 2000 में झारखंड बना था. तब बीजेपी ने राज्य की पहली सरकार बनाई थी और बाबूलाल मरांडी मुख्यमंत्री बने थे. मगर अगले चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद मुख्यमंत्री बने अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, और हेमंत सोरेन भी बाद में अपनी सीट बचाने में सफल नहीं हुए. झारखंड 19 साल में 6 मुख्यमंत्री देख चुका है.
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Published: 23 Dec 2019,02:44 PM IST