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कांग्रेस (Congress) के लिए अब तक मुख्य रूप से राज्य इकाइयों में नजर आने वाली अंदरूनी कलह पंजाब संकट के बाद खुलकर सामने है. कांग्रेस के कामकाज पर सवाल उठाने और AICC प्रमुख सोनिया गांधी से इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग के बाद 29 सितंबर की शाम कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के घर के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
कपिल सिब्बल के आवास के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के हो-हंगामे के बाद पहले से ही पार्टी में व्यापक सुधार और बदलाव की मांग कर रहे नेता उनके समर्थन के लिए सामने आए. पार्टी के कई बड़े नेताओं ने इसे निराशाजनक करार देते हुए इसे पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के खिलाफ बताया.
राज्यसभा सांसद और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पूरे मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि “जब हम पार्टी मंचों के भीतर सार्थक बातचीत शुरू नहीं कर पाते हैं तो मैं असहाय महसूस करता हूं”
तिरुवनंतपुरम के सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे शर्मनाक बताते हुए ट्वीट किया कि “यह शर्मनाक है. हम सब कपिल सिब्बल को एक सच्चे कांग्रेसी के रूप में जानते हैं जिन्होंने कांग्रेस के लिए कई मामलों में अदालत में लड़ाई लड़ी है. एक लोकतांत्रिक पार्टी के रूप में हमें यह सुनने की जरूरत है कि वो क्या कहते हैं. अगर आप सहमत नहीं हैं तो भी, लेकिन इस तरह से नहीं. हमारी प्राथमिकता बीजेपी से मुकाबला करने के लिए खुद को मजबूत करना है!”
शशि थरूर का यह ट्वीट आनंदपुर साहिब से सांसद और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनीष तिवारी के ट्वीट के रिप्लाई में था, जिसमे उन्होंने कहा था कि जो कल रात के 'कमांड प्रदर्शन' का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, यह हुआ था कपिल सिब्बल के घर- उन्होंने कार को क्षतिग्रस्त कर दिया. घर के बाहर और अंदर दोनों जगह टमाटर फेंके गए. यह गुंडागर्दी नहीं तो और क्या है "
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि,
अजय माकन ने भी कपिल सिब्बल पर पलटवार करते हुए कहा था कि उन्हें उस संगठन का अपमान नहीं करना चाहिए जिसने उन्हें एक पहचान दी. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार माकन ने कहा, "सोनिया गांधी जी ने सुनिश्चित किया था कि कपिल सिब्बल संगठनात्मक पृष्ठभूमि न होने के बावजूद केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बनें. पार्टी में सभी की बात सुनी जा रही है."
पंजाब में चल रहे संकट के बीच सिब्बल ने मांग की है कि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की तत्काल बैठक बुलाई जाए और आश्चर्य जताया था कि फुल-टाइम अध्यक्ष की अनुपस्थिति में पार्टी में कौन निर्णय ले रहा है.
सिब्बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद G-23 के समूह के एक साथी सदस्य गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को एक पत्र लिखा. आजाद और सिब्बल दोनों ने फिर से पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की मांग की थी. इसके बाद बुधवार, 29 सितंबर की शाम को सिब्बल के घर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने "गद्दारों, पार्टी छोड़ो" के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 30 सितंबर को कहा कि G-23 नेताओं की मांग के बाद जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई जाएगी.
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