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हिंदी पर बीजेपी में ही फूट,येदियुरप्पा ने दिया शाह को जवाब

अमित शाह के बयान पर हो रहा है चौतरफा हमला, पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडू तक में हो रहा है विरोध

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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येदियुरप्पा ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया
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येदियुरप्पा ने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया
(फोटो: PTI)

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गृह मंत्री ने हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने की बात कह कर देश में एक नई बहस छेड़ दी है. क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इसे मुद्दा बना दिया है और सभी अपनी भाषा के पक्ष में और हिंदी को थोपे जाने की बात कह रहे हैं. इसी क्रम में कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा ने शाह की बात का जवाब दे दिया है. येदियुरप्पा ने कहा कि जहां तक कर्नाटक का सवाल है कन्नड़ यहां की आधिकारिक भाषा है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

सोमवार शाम को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट आया. ट्वीट में लिखा था,

‘‘भारत में सभी आधिकारिक भाषाएं समान हैं. हालांकि जहां तक कर्नाटक का सवाल है यहां की मुख्य भाषा कन्नड़ है. हम इसकी महत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे और हम अपने राज्य की संस्कृति और कन्नड़ के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध हैं’’
मुख्यमंत्री कार्यालय, कर्नाटक

विपक्ष के नेताओं ने जताया शाह के बयान पर ऐतराज

अमित शाह के बयान के बाद उन पर चौतरफा हमला हो रहा. पश्चिम बंगाल से लेकर तमिलनाडु तक से आवाज उठ रही है. तमिलनाडु की राजनीति में नए-नए आए एक्टर कमल हासन ने कहा

’हम हर भाषा का सम्मान करते हैं, लेकिन हमेशा हमारी मातृभाषा तमिल ही रहेगी. जलीकट्टू पर सिर्फ प्रदर्शन हुआ था. हमारी भाषा की लड़ाई इससे काफी बड़ी होगी. भारत या तमिलनाडु को ऐसी लड़ाई की जरूरत नहीं है.’’
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एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया, ‘‘हर भारतीय की मातृभाषा हिंदी नहीं है. क्या आप इस देश की विविधता और इस देश की कई सारी भाषाओं की खूबसूरती का प्रोत्साहन नहीं कर सकते? आर्टिकल 29 भारत के हर नागरिक को उसकी भाषा, संस्कृति और लिपि का अधिकार देता है. भारत, हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व से बहुत बड़ा है..’’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमें सभी भाषाओं और संस्कृतियों का समान रूप से सम्मान करना चाहिए. हम कई भाषाएं सीख सकते हैं लेकिन हमें अपनी मातृ-भाषा को कभी नहीं भूलना चाहिए.’’

DMK नेता स्टालिन कुमारस्वामी ने भी जताया ऐतराज

दक्षिण के दो बड़े नेता एमके स्टालिन और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमार स्वामी ने भी अमित शाह के बयान पर विरोध जताया है.

‘ देश में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा हिंदी है इसलिए राष्ट्रीय भाषा बनाई जानी चाहिए तो देश में सबसे ज्यादा कौए उड़ते हैं तो उसे राष्ट्रीय पक्षी बना देना चाहिए. यही हमारे नेता अन्नादुरई का भी स्टैंड था. तब से डीएमके ने तमिल भाषा को बचाने के लिए संघर्ष किया है. हिंदी को थोप कर देश की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है.’
एमके स्टालिन (डीएमके अध्यक्ष)

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कहा, ‘देशभर में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. पीएम मोदी कन्नड़ दिवस कब मनाएंगे? जो कि भारतीय संविधान की एक आधिकारिक भाषा है’’

अमित शाह ने क्या कहा था ?

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा, देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे और सभी को अपनी मातृ भाषाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए कहा जाएगा. इसके साथ ही ये भी कहा,

‘‘भारत विभिन्न भाषाओं का देश है और हर भाषा का अपना महत्व है. लेकिन पूरे देश की एक भाषा होना बेहद जरूरी है, जो विश्व में भारत की पहचान बने.आज देश को एकता की डोर में बांधने का काम अगर कोई एक भाषा कर सकती है तो वो सर्वाधिक बोली जाने वाली हिंदी भाषा ही है.’’
अमित शाह, गृह मंत्री

अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का भी जिक्र किया, जिन्होंने यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण दिया.

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