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कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह किसी की भी धमकी पर झुकने वाले नहीं हैं और अपने विरोधियों से कहा कि वे जो चाहें, करें. हेलीपैड पर मीडिया से बातचीत में येदियुरप्पा ने कहा कि वह अपने विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों से परेशान नहीं होते.
चर्चा है कि मंत्रिमंडल विस्तार में एक 'सीडी' की बड़ी भूमिका रही. इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अगर किसी को भी मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में कोई समस्या है, तो वह नई दिल्ली जाएं और आप भी (मीडिया) सभी के साथ चर्चा करने के बजाय वहां जाकर इस पर चर्चा करें."
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उन्होंने कार्यालय में अपना कार्यकाल पूरा करने के लिए पार्टी के शीर्ष अधिकारियों से आश्वासन प्राप्त कर लिया है, इसलिए वह आलोचना किए जाने से परेशान नहीं होंगे. उन्होंने कहा,
येदियुरप्पा ने कहा कि सभी को मंत्री नहीं बनाया जा सकता और यह एक तथ्य है. उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि 10 से 12 विधायक मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर मेरे खिलाफ अपना गुस्सा दिखा रहे हैं. वे नाराज हैं तो दिल्ली जाएं, मगर मैं उन्हें अब खुद ही चेतावनी दे रहा हूं कि वे हद पार न करें."
येदियुरप्पा ने हालांकि, राजराजेश्वरी नगर के विधायक मुनिरत्न नायडू को मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया. नायडू पहले कांग्रेस में थे. वह येदियुरप्पा से अनुमति लिए बिना भाजपा में शामिल हो गए हैं.
येदियुरप्पा ने बुधवार को सात नए मंत्रियों को शामिल कर अपनी 17 महीने पुरानी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया. मगर उन्होंने आबकारी मंत्री एच. नागेश को हटा दिया.
बुधवार को मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने वालों में उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, एम.टी.बी. नागराज, मुरुगेश रुद्रप्पा निरानी, आर. शंकर, सी.पी. योगेश्वर और अंगारा एस. शामिल हैं.
मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के अन्य आकांक्षी हैं - पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील कुमार, बसनगौड़ा पाटिल, एम.पी. रेणुकाचार्य, सतीश रेड्डी, जी.एच. थिपा रेड्डी, एस.ए. रामदास और ए.एच. विश्वनाथ. मंत्री नहीं बनाए जाने से ये नाराज हैं.
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