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कर्नाटक में अब भी सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस जारी है. बीजेपी विधायक सुरेश कुमार ने ट्वीट करके कहा है कि कल येदियुरप्पा सीएम पद की शपथ लेंगे. 21 मई तक बहुमत साबित करने का वक्त दिया गया है. इस बीच कांग्रेस ने कहा है कि राज्यपाल वजुभाई वाला कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने को संवैधानिक रूप से बाध्य हैं और अगर वो ऐसा नहीं करते हैं तो ये राज्य में खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना होगा. उसने ये भी कहा कि अगर राज्यपाल इस गठबंधन को न्योता नहीं देते हैं तो फिर राष्ट्रपति या न्यायालय के पास जाने का विकल्प खुला हुआ है.
राज्यपाल ने बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने का मौका देने से जुड़ी अटकलों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं पी चिदंबरम, कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला और विवेक तन्खा ने कहा कि राज्यपाल के फैसले की आधिकारिक घोषणा के बाद पार्टी इन दो विकल्पों को लेकर फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल चाहें तो उनके समक्ष 117 विधायकों की पेशी कराई जा सकती है. सिब्बल ने गोवा के मामले में सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी का हवाला दिया और कहा कि कर्नाटक के राज्यपाल बहुमत वाले गठबंधन को सरकार बनाने का न्योता देने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य हैं.
चिदंबरम ने कहा, ''कांग्रेस और जेडीएस ने कर्नाटक में चुनाव बाद गठबंधन किया है. लेकिन राज्यपाल ने कुमारस्वामी को सरकार बनाने का अब तक न्योता नहीं दिया. ये पता चल रहा है कि राज्यपाल ने शायद येदियुरप्पा को बुलाया है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं है. इसलिए हम अब तक ये मानकर चल रहे हैं कि राज्यपाल ने अब तक कोई फैसला नहीं किया."
उन्होंने कहा कि अगर राज्यपाल येदियुरप्पा को बुलाते हैं तो वो खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देंगे. उन्होंने कहा कि राज्यपाल उच्चतम न्यायालय के आदेश से बंधे हुए हैं. वो बहुमत वाले गठबंधन दल के नेता को बुलाएंगे. हम आशा करते हैं कि संविधान पर फिर से हमला नहीं होगा.
सिब्बल ने कहा, ''गोवा, मणिपुर और मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन राज्यपाल ने बहुमत वाले गठबंधन को सरकार बनाने के लिए बुलाया. सुप्रीम कोर्ट ने गोवा के मामले में जो कहा वही बात कर्नाटक में लागू होनी चाहिए.'' उन्होंने दावा किया कि राज्यपाल ने अगर बीजेपी को मौका दिया है तो इसके पीछे खरीद-फरोख्त का अवसर देने की मंशा है. ऐसा करना संविधान के खिलाफ होगा. एक सवाल के जवाब में सिब्बल ने कहा राज्यपाल का निर्णय आने के बाद हम फैसला करेंगे कि राष्ट्रपति के पास जाना है या कोर्ट जाना है. ये दोनों विकल्प हैं. आधिकारिक घोषणा होने के बाद ही हम विकल्प का फैसला करेंगे.
कांग्रेस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस जैसी पार्टी को मर्यादा नहीं सिखाना चाहिए. कांग्रेस की सरकार ने देश में कई बार सरकारें हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अपने संवैधानिक अधिकारों के तहत ही कोई फैसला लिया है, कांग्रेस हर संवैधानिक संस्था के अपमान में जुटी हुई है.
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Published: 16 May 2018,08:30 PM IST