मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कर्नाटक में किसकी बनेगी सरकार,सारी निगाहें राज्यपाल वजुभाई वाला पर

कर्नाटक में किसकी बनेगी सरकार,सारी निगाहें राज्यपाल वजुभाई वाला पर

कर्नाटक की तस्वीर साफ होने में वक्त

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
वजुभाई वाला वहीं नेता हैं जिन्होंने साल 2001 में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ी थी.
i
वजुभाई वाला वहीं नेता हैं जिन्होंने साल 2001 में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ी थी.
(फोटो: फेसबुक)

advertisement

कर्नाटक विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक मोड़ पर हैं. बीजेपी बहुमत तक पहुंचती नजर नहीं आ रही है और कांग्रेस, जनता दल सेक्युलर के दम पर सरकार बनाने का भरोसा जता रही है. जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने राज्यपाल के दरवाजे पर मिलने की अर्जी लगा दी है. अर्जी में लिखा है कि कांग्रेस और हम साथ-साथ हैं. लेकिन, ये सुपरहिट मुकाबला वही जीतेगा जिसके साथ अंपायर यानी कर्नाटक के राज्यपाल की वजुभाई वाला होंगे.

दरअसल, कर्नाटक में फिलहाल त्रिशंकु विधानसभा के आसार दिख रहे हैं. बहुत कुछ राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करेगा. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में राज्यपाल की हैसियत का अंदाजा आप मणिपुर, गोवा के चुनाव और उसके बाद वहां बनी सरकार के आधार पर भी लगा सकते हैं.

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला वहीं नेता हैं जिन्होंने साल 2001 में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ी थी.
(फोटो: तरुण अग्रवाल)

विधायक, मंत्री और अब राज्यपाल हैं वजुभाई वाला

वजुभाई वाला गुजरात के राजकोट पश्चिमी सीट से 7 बार चुनाव जीत चुके हैं. कभी कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली राजकोट वेस्ट सीट को वजुभाई वाला ही बीजेपी के पाले में लेकर आए थे. साल 2012 बतौर विधायक उनका आखिरी चुनाव था. 2012 से 2014 तक वो गुजरात विधानसभा के स्पीकर रहे, इससे पहले गुजरात की मोदी कैबिनेट में वो बतौर वित्त मंत्री भी काम कर चुके हैं. केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद साल 2014 में उन्हें कर्नाटक का राज्यपाल बनाया गया.

वजुभाई वाला वहीं नेता हैं जिन्होंने साल 2001 में मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी के विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ी थी.(फोटो: फेसबुक)
गुजरात के कारोबारी परिवार से आने वाले वजुभाई का संघ से भी बहुत पुराना जुड़ाव है. संघ के कार्यकर्ता के तौर पर ही उन्होंने राजनीति का ककहरा सीखा और राजकोट के मेयर भी रहे. अपने पूरे राजनीतिक जीवन में वो हमेशा सत्ता के करीब रहने वाले नेताओं में से एक थे.

2014 से राजकोट की सीट रूपाणी के पास है

वजुभाई के राज्यपाल बनने के बाद इस सीट पर गुजरात के मौजूदा सीएम विजय रूपाणी ने अपना कब्जा जमाया. 2017 के चुनाव में भी वो ये सीट जीतने में कामयाब रहे.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 15 May 2018,04:59 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT