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कर्नाटक चुनाव: सिद्धारमैया ने ‘बादामी’ को कैसे बनाया हॉट सीट?

1994, 1999 और 2013 में कांग्रेस, जबकि 2004 और 2008 में बीजेपी ने जीती थी ये सीट

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सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी और बादामी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है.
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सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी और बादामी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है.
(फाइल फोटो: PTI)

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कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार सिद्धारमैया ने अपनी पुरानी सीट छोड़कर दो अलग विधानसभा सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सिद्धारमैया ने चामुंडेश्वरी और बादामी विधानसभा सीट से नामांकन दाखिल किया है.

जबकि साल 2008 और 2013 के विधानसभा चुनाव में सिद्धारमैया ने वरुणा विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज कराई थी.

लगभग 70 फीसदी ग्रामीण आबादी

कर्नाटक विधानसभा सीट संख्या-23 बादामी विधानसभा क्षेत्र बागलकोट लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. बादामी बागलकोट जिले का एक शहर और एक तालुका मुख्यालय है.

2011 की जनगणना के अनुसार, बादामी विधानसभा क्षेत्र की कुल आबादी 2,78,344 थी, जिसमें 69.8 फीसदी ग्रामीण हैं और 30.2 फीसदी शहरी आबादी है. बादामी की औसत साक्षरता दर 64.8 प्रतिशत है जिसमें पुरुषों 59 प्रतिशत और 41 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं.

ऐतिहासिक महत्व

बादामी को पहले वतापी नाम से जाना जाता था और इसका भारत के इतिहास में बड़ा महत्व है. बादामी के गुफा मंदिर और किले देशभर में प्रसिद्ध हैं और यहां हर साल पर्यटक घूमने आते हैं. बादामी में विभिन्न युगों के चार मुख्य बलुआ पत्थर गुफा मंदिर हैं, जो इस क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं. यह 540 से 757 ईस्वी तक बादामी चालुक्य वंश की राजधानी रही थी.

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कांग्रेस-बीजेपी के बीच रस्साकशी वाली सीट

बात करें क्षेत्रीय राजनीति की, तो बादामी सीट पर मौजूदा समय में कांग्रेस के विधायक और दिग्गज नेता चिम्मानकट्टी बलप्पा भीमप्पा काबिज हैं. 2013 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भीमप्पा ने जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार महांतेश गुरुपडप्पा ममदपुर को 15,113 वोटों से हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया था. इससे पहले उन्होंने 1994 और 1999 विधानसभा चुनावों में भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी.

लेकिन 2004 और 2008 में उन्हें बीजेपी के महागुंडप्पा कालप्पा के हाथों लगातार दो बार शिकस्त झेलनी पड़ी थी.

सिद्धारमैया ने अपना नामांकन तो बादामी विधानसभा सीट से दाखिल किया है, लेकिन उन्होंने वरुणा विधानसभा क्षेत्र से अपने बेटे यतींद्र को खड़ा किया है, जहां से साल 2008 और 2013 में उन्होंने चुनाव जीता था. वहीं इस सीट पर कांग्रेस, बीजेपी के अलावा जनता दल (सेक्युलर) के हानामंत बी. मावानीमार्ड, रानी चनम्मा पार्टी के कुलकर्णी रवि समेत 13 उम्मीदवार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

जीत का पूरा भरोसा

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बादामी से चुनाव लड़ने के बारे में बताते हुए कहा, "मैंने स्थानीय नेताओं और पार्टी आलाकमान के कहने पर बादामी से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. लोकल नेताओं ने मुझसे कहा है कि आपको यहां प्रचार करने की जरूरत नहीं है. आप बस नामांकन कर दें, बाकी हम देख लेंगे. मैंने उनके कहने पर यहां से नामांकन कर दिया है."

सिद्धारमैया ने कहा, "मुझे जीत का पूरा भरोसा है. सूबे में कांग्रेस की सरकार फिर से बनेगी. बादामी को विकास की राह में पहले नंबर पर रखेंगे."

बीजेपी से श्रीरामुलु देंगे टक्कर

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बादामी सीट से कांग्रेस की ओर से जहां सिद्दारमैया चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं बीजेपी ने बी. श्रीरामुलु को अपना उम्मीदवार बनाया है. श्रीरामुलु को कर्नाटक के सबसे अमीर राजनेताओं के रूप में जाना जाता है और वह खनन कारोबारी जर्नादन रेड्डी के करीबी हैं.

बता दें कि कर्नाटक में मतदान 12 मई को होगा और वोटों की गिनती 15 मई को होगी.

(इनपुट: IANS)

ये भी पढ़ें - मोदी पर सिद्धारमैया का वार,कहा- BJP ढकोसला छोड़े,सवालों के जवाब दे

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