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कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री रमेश जारकीहोली ने कथित सैक्स सीडी विवाद के सामने आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. रमेश जारकीहोली कर्नाटक बीजेपी में उतने ही लोकप्रिय हैं, जितने वे कभी कांग्रेस में हुआ करते थे.
जारकिहोली 2019 तक कांग्रेस के एक मजबूत नेता थे और उन्होंने बीजेपी को हराया था. फिलहाल वे बीएस येदियुरप्पा की सरकार में जल संसाधन मंत्री हैं. 2 साल पहले सिद्धारमैया की गठबंधन सरकार को गिराने में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी.
अपने ऊपर लगे इन आरोपों को जारकीहोली ने एक बड़ी साजिश करार दी है.
रमेश, सतीश, बालाचंद्रन, भीम्षी और लखन जारकीहोली 5 भाइयों का परिवार है, जो कि कर्नाटक के बैरान ऑफ बैलगावी जिले से संबंध रखते हैं. रमेश जारकीहोली, इस परिवार में सबसे बड़े भाई है, जो कि कथित रूप से इस क्षेत्र में चीनी मील के मालिक बताए जाते हैं.
उनके पिता लक्ष्मण राव जारकीहोली बेद्ररा-नायक समुदाय से आते हैं. इनके परिवार के पास चीनी की 3 मिलें हैं.
कर्नाटक के चीनी कारोबार में रमेश जारकीहोली की मजबूत पकड़ बताई जाती है.
जब स्थानीय किसानों ने रमेश जारकिहोली की शुगर मिल्स के खिलाफ प्रदर्शन किया था, हालांकि जारकीहोली ने किसानों के इस प्रदर्शन को दबा दिया था. इन प्रदर्शनकारियों ने जारकिहोली पर 3 साल का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया था. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि उन्हें 34 लाख रुपए का भुगतान नहीं किया गया.
बेलगावी में हमेशा से राजनीतिक लड़ाई पांचों जारकीहोली भाइयों के बीच रही है. यह जिला विधानसभा सीटों की संख्या के हिसाब से राज्य का दूसरा सबसे बड़ा जिला है जहां विधानसभा की 18 सीटें हैं और बैंगलुरु के बाद दूसरे पायदान पर आता है, जहां 28 विधानसभा सीट हैं.
2018 के विधानसभा चुनावों में रमेश जारकीहोली ने बेलगावी की गोकक सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था. वहीं सतीश जारकीहोली ने भी कांग्रेस के टिकट पर येमकानमर्दी सीट से चुनाव लड़ा था. जबकि बालाचंद्रन जारकीहोली अरभावी से बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर उतरे थे.
ऐसा माना जाता है कि चुनाव जीतने के बाद रमेश जारकीहोली से बीजेपी ने संपर्क साधा था. मई 2019 में जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया जेडीएस के साथ गठबंधन की सरकार चला रहे थे. इस समय रमेश जारकिहोली ने बीजेपी में जाने का फैसला किया. इसके बाद जारकीहोली की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई, लेकिन गोकक सीट से दोबारा उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर उन्होंने जीत हासिल की. जारकीहोली ने कांग्रेस के टिकट पर इस सीट से 5 बार विधासभा का चुनाव जीता था और एक बार फिर बीजेपी के टिकट पर यहां से जीत हासिल की.
रमेश जारकीहोली सेक्स स्कैंडल में उस वक्त फंसे हैं जब कांग्रेस उन्हें एक अहम राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखती है.
रमेश जारकीहोली जैसे कद्दावर नेता का सेक्स स्कैंडल में फंसना एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है और आने वाले समय में कांग्रेस इससे राजनीतिक लाभ प्राप्त करने की कोशिश कर सकती है.
जबकि, सीएम येदियुरप्पा भी, जारकीहोली पर लगे आरोपों से ज्यादा नाराज नहीं हैं. बीजेपी के कई विधायक रमेश जारकीहोली से लगातार बात करते हैं और मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को लेकर नाराजगी जाहिर करते हैं.
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Published: 03 Mar 2021,04:29 PM IST