मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019LAHDC-कारगिल चुनाव में कांग्रेस-एनसी की जीत क्यों खास? बीजेपी के लिए क्या सबक?

LAHDC-कारगिल चुनाव में कांग्रेस-एनसी की जीत क्यों खास? बीजेपी के लिए क्या सबक?

LAHDC Election Result 2023: 26 सीटों पर हुए इलेक्शन में नेशनल कॉन्फ्रेंस 12 और कांग्रेस ने 10 सीटें जीतीं.

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>LAHDC-कारिगल चुनाव में कांग्रेस-एनसी की जीत क्यों खास?</p></div>
i

LAHDC-कारिगल चुनाव में कांग्रेस-एनसी की जीत क्यों खास?

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिंदी)

advertisement

कारगिल में हुए लद्दाख आटोनोमस हिल डेवलेपमेंट काउंसिल (LAHDC) चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने पूर्ण बहुमत हासिल किया है. इस जीत ने जहां लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी को बड़ा झटका दिया तो वहीं, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फूले नहीं समां रहे हैं. लेकिन आखिर ये जीत विपक्ष के लिए इतनी खास क्यों हैं और इसका असर आगे क्या होगा? आइये आपको बताते हैं.

क्या रहा LAHDC चुनाव का रिजल्ट?

26 सीटों पर हुए इलेक्शन में नेशनल कॉन्फ्रेंस 12 और कांग्रेस ने 10 सीटें जीती. कुल मिलाकर देखें तो गठबंधन ने अब तक 22 सीटें जीती हैं.

वहीं, बीजेपी को 2 सीट और 2 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गई हैं. 30 सदस्यीय काउंसिल की 26 सीटों पर 4 अक्टूबर को चुनाव हुए थे.

2018 में हुए LAHDC (कारगिल) चुनावों में, नेशनल कॉन्फ्रेंस दस सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, उसके बाद कांग्रेस ने आठ, PDP ने दो और पांच स्वतंत्र उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की. हालांकि, बीजेपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी.

LAHDC चुनाव नतीजों के क्या मायने?

दरअसल, 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने के बाद ये पहला चुनाव था. ऐसे में चुनाव नतीजों ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस और खासकर कांग्रेस को बड़ी राहत दी है.

दोनों दल केंद्र की बीजेपी सरकार पर जम्मू-कश्मीर का विभाजन (दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) करने का विरोध कर रहे थे. उनका कहना है कि केंद्र ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिना राज्य की जनता को कॉन्फिडेंस में लिये उनके हक को छीना है.

हालांकि, बीजेपी इन तर्कों को खारिज कर रही है. उसका कहना था कि अनुच्छेद 370 निरस्त करने से तस्वीर बदली है.

राजनीतिक जानकारों की मानें, LAHDC चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है. क्योंकि पार्टी ने 2018 के बाद से जिस तरीक से क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ाई थी, उसे उम्मीद थी कि चुनाव में "कमल खिलेगा". लेकिन उसे वो सफलता हासिल नहीं हुई. हालांकि, पिछले बार के मुकाबले एक सीट का जरूर फायदा हुआ है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीजेपी के पास लद्दाख सीट

लद्दाख लोकसभा सीट 9 सालों से बीजेपी के पास है. 2019 में जामयांग सेरिंग नामग्याल और 2014 में थुपस्तान छेवांग को जीत मिली थी.

वोट शेयर की बात करें तो 2014 में बीजेपी का मत प्रतिशत 26.36 था तो वहीं, 2019 में 33.94 फीसदी वोट पार्टी को मिले थे. यानी 7.58 प्रतिशत का फायदा बीजेपी को मिला था. वहीं, 2014 में कांग्रेस को 22.37 और 2019 में 16.80 फीसदी वोट मिला था.

वहीं, विधानसभा की बात करें तो लद्दाख में कुल चार विधानसभा की सीटें हैं, जिसमें नुब्रा, कारगिल, जांस्कर और लेह शामिल है.

2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जांस्कर में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी जबकि बाकी की तीनों सीट कांग्रेस के खाते में गई थी.

यानी एक तरीके से 2014 के विधानसभा चुनाव में लद्दाख में कांग्रेस का दबदबा था. लेकिन ये दबदबा 2019 के लोकसभा चुनाव में नहीं दिखा.

वरिष्ठ पत्रकार ललित राय ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए कहा, "अगस्त में राहुल गांधी की लद्दाख यात्रा से कांग्रेस को लाभ मिला है. भारत जोड़ो यात्रा से शुरू हुआ राहुल गांधी का आम जनता से संवाद काफी असरदार रहा है.

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद राहुल गांधी JK का दौरा करने गये थे,लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें एयरपोर्ट पर रोक दिया गया था. इसके अलावा राहुल गांधी बार-बार विभिन्न मंचों से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का भी जिक्र कर रहे हैं, जिसका पार्टी को फायदा मिला है.
ललित राय, वरिष्ठ पत्रकार

LAHDC चुनाव के लिए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टियों के लिए प्रचार किया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, एनसी के उमर अब्दुल्ला, बीजेपी की तरफ से केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, तरूण चुघ और जमयांग नामगयाल ने अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था. यानी दमखम दिखाने की कोशिश दोनों तरफ से हुई लेकिन जीत कांग्रेस-एनसी गठबंधन को मिली.

लद्दाख में राहुल गांधी

(फोटो: अजय राय/X)

नतीजों का 2024 पर क्या असर?

अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद से अब तक प्रदेश में कोई बड़ा चुनाव नहीं हुआ है. ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव के नतीजे कुछ हैरान जरूर कर सकते हैं.

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने कहा, "लोकसभा चुनाव में अब कम समय बाकी है. ऐसे में लद्दाख के स्थानीय नतीजों का कुछ असर आम चुनाव में भी दिख सकता है. हालांकि, नेशनल और लोकल चुनाव की स्थिति काफी हद तक अलग होती है. लेकिन इतना जरूर है कि कांग्रेस और एनसी के लिए नतीजे बड़ी राहत हैं."

उन्होंने आगे कहा, "लद्दाख में कांग्रेस और एनसी फिलहाल मजबूत नजर आ रहे हैं. लेकिन बीजेपी अभी भी यहां नेतृत्व को लेकर जूझ रही है. 2019 में अनुच्छेद 370 निरस्त करने के दौरान संसद में बयान देकर चर्चा में आये जामयांग सेरिंग नामग्याल भी बीजेपी के लिए कुछ असर नहीं दिखा पा रहे हैं. ऐसे में अगर बीजेपी चुनाव से पहले सतर्क नहीं हुई तो 2024 की तस्वीर भी बदल सकती है."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT