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केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल के खिलाफ कांग्रेस, सीपीआई समेत कई विपक्षी पार्टियां उतर गई हैं. विपक्षी पार्टियां प्रफुल पटेल पर लक्षद्वीप की सांस्कृतिक विरासत को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगा रही हैं. कांग्रेस ने राष्ट्रपति से प्रफुल पटेल को हटाने का आग्रह किया है. अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने प्रधानमंत्री मोदी लेटर लिखकर प्रफुल पटेल के 13 नीतियों पर गंभीर चिंता जताई है और प्रफुल पटेल को हटाकर नया प्रशासक नियुक्त करने का आग्रह किया है.
शरद पवार ने लिखा है कि प्रशासक प्रफुल पटेल के अनुचित औऱ तर्कहीन फेसलों से लक्षद्वीप की अनूठी सांस्कृतिक विरासत और आजीविका को बड़ा खतरा. इस वजह से लक्षद्वीप में अशांति और भारी विरोध भी हो रहा है.
गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार में गृहमंत्री रह चुके प्रफुल पटेल को 5 दिसंबर 2020 को लक्षद्वीप का प्रशासक बनाया गया था. 2020 में दिनेश्वर शर्मा की आकस्मिक मृत्यु के बाद ये नियुक्ति हुई थी. इस पद पर पहले सिर्फ IAS अधिकारियों को नियुक्त किया जाता रहा है, लेकिन पटेल के नियुक्ति इस प्रथा से अलग हटकर की गई.
एनसीपी चीफ ने लक्षद्वीप प्रशासन की जिन 13 नीतियों का अपने लेटर में जिक्र किया है वो हैं-
मंगलवार को एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने आरोप लगाया, इतिहास में पहली बार, किसी राजनेता को केवल बीजेपी के एजेंडे को लागू करने के लिए प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि लक्षद्वीप डेवलपमेंट अथारिटी रेगुलेशन (असामाजिक गतिविधि विनियमन विधेयक, 2021) बनाया गया है, जिसकी वहां कोई जरूरत नहीं है. वहां मछुआरों को दबाया जा रहा है. वहां गुंडा एक्ट लाया जा रहा है जबकि वहां अपराध दर बहुत कम है. कांग्रेस ने कानून को वापस लेने की मांग की है.
कांग्रेस ने इस द्वीप में शराब के बार खोलने की अनुमति देने पर आपत्ति जताई है, जो कि मुस्लिम आबादी के कारण एक गैर-मादक क्षेत्र है, साथ ही साथ गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव का भी विरोध किया है.
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Published: 26 May 2021,09:24 PM IST