Home News Politics ‘सुनो नीतीश,कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ तुम्हारी मर्जी’
‘सुनो नीतीश,कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ तुम्हारी मर्जी’
‘सुनो नीतीश,कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ तुम्हारी मर्जी’
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‘सुनो नीतीश,कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ तुम्हारी मर्जी’
(फोटो: द क्विंट)
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चुनाव अपने आखिरी चरण में हैं और अब भी लालू प्रसाद यादव, नीतीश कुमार पर कोई भी हमला करने से नहीं चूक रहे हैं. सोमवार सुबह लालू प्रसाद यादव ने एक फेसबुक पोस्ट में बिहार के सीएम नीतीश कुमार को खरी-खरी सुनाई. आरजेडी अध्यक्ष ने नीतीश कुमार को विश्वासघाती और जनता के पीठ में छुरा घोंपने वाला तक बता दिया.
तुम कहां मिसाइल के जमाने में तीर-तीर किए जा रहे हो? तीर का जमाना अब लद गया. तीर अब संग्रहालय में ही दिखेगा. लालटेन तो हर जगह जलता दिखेगा और पहले से अधिक जलता हुआ मिलेगा क्योंकि 11 करोड़ गरीब जनता की पीठ में तुमने विश्वासघाती तीर ही ऐसे घोंपे है. बाकी तुम अब कीचड़ वाले फूल में तीर घोंपो या छुपाओ. तुम्हारी मर्जी....
लालू प्रसाद यादव, फेसबुक पोस्ट
बता दें कि 'तीर' जेडीयू का सिंबल है. अब लालू तंज के तौर पर 'तीर' को हिंसा का हथियार बता रहे हैं, मार-काट का प्रतीक बता रहे हैं. वहीं आरजेडी यानी अपने चुनावी सिंबल को लालू गरीब के घर का उजाला करार दे रहे हैं.
नीतीश, ऐसा दिख रहा है कि तुम्हें आजकल उजालों से कुछ ज्यादा ही नफरत सी हो गयी है. दिनभर लालू और उसकी लौ लालटेन-लालटेन का जाप करते रहते हो. तुम्हें पता है कि नहीं, लालटेन प्रकाश और रोशनी का पर्याय है. मोहब्बत और भाईचारे का प्रतीक है. गरीबों के जीवन से तिमिर हटाने का उपकरण है. हमने लालटेन के प्रकाश से गैर-बराबरी, नफरत, अत्याचार और अन्याय का अंधेरा दूर भगाया है और भगाते रहेंगे. तुम्हारा चिह्न तीर तो हिंसा फैलाने वाला हथियार है. मार-काट और हिंसा का पर्याय और प्रतीक है.
लालू प्रसाद यादव, फेसबुक पोस्ट
खुला खत के साथ लालू प्रसाद यादव ने ये तस्वीर भी शेयर की है
इससे पहले अपनी जमानत याचिका खारिज होने के बाद अप्रैल में लालू प्रसाद यादव ने खुला खत लिखा था. खत में उन्होंने लिखा था कि लड़ाई आर-पार की है. मेरे गले में सरकार और चालबाजों का फंदा कसा हुआ है उम्र के साथ शरीर साथ नहीं दे रहा पर आन और आबरू की लड़ाई में लालू की ललकार हमेशा रहेगा. ये ललकार हमारे सिपाहियों के दम पर है, जो हार में जीत में हर हाल में मैदान में डटने वाला रहा है पीठ दिखाकर भागने वाला नहीं.