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नीतीश और मैं अब बूढ़े हो चले, युवाओं को सत्ता सौंपनी होगी- लालू

नीतीश के बेटे ने कहा- मैं राजनीति नहीं अध्यात्म के रास्ते पर चलूंगा

द क्विंट
पॉलिटिक्स
Updated:
बड़े बेटे तेजप्रताप के साथ लालू प्रसाद यादव. (फोटो; IANS)
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बड़े बेटे तेजप्रताप के साथ लालू प्रसाद यादव. (फोटो; IANS)
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आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव अब नीतीश कुमार के लिए करियर काउंसलिंग भी कर रहे हैं. ढलती उम्र का वास्ता देकर लालू अपने समकक्ष नीतीश को राजनीतिक संन्यास लेकर मार्गदर्शक मंडली टाइप काम करने को कह रहे हैं. दरअसल बिहार में एक नई सुगबुगाहट जन्म ले चुकी है. 27 साल के डिप्टी सीएम तेजस्वी और लालू के छोटे बेटे को अब बिहार के मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया जा रहा है. पहले पार्टी कार्यकर्ताओं ने इस मांग को हवा दी फिर मम्मी राबड़ी देवी ने भी कह दिया है जनता अगर चाहेगी तो तेजस्वी भी बन सकता है सीएम.

अब लालू प्रसाद यादव ने एक नई बात कर दी है.

<b>नीतीश कुमार और मैं अब बूढ़े हो चले हैं, और कितना समय हम कमान संभालेंगे, अब नौजवानों को टेकओवर करने दिया जाए. </b>
लालू प्रसाद यादव, अध्यक्ष, आरजेडी

हम आपको बता दें कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में सजा होने की वजह से 2026 तक चुनाव नहीं लड़ सकते. वहीं नीतीश का राजनीतिक करियर अपने चरम पर है. नीतीश की पार्टी 2005 से राज्य में सत्ता में है.

ये भी पढ़ें- ‘नीतीसवा.. हेडेक है’: लालू यादव परिवार का Whats App चैट

लालू ने ये भी कहा कि, नीतीश कुमार गठबंधन के नेता हैं और उनके बेटे अभी राजनीति सीख रहे हैं लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता होने के नाते नौजवानों के हाथ में सत्ता सौंपने पर विचार होना चाहिए.

नीतीश के बेटे ने चुना अलग रास्ता

बिहार की राजनीति की अगली पीढ़ी बेहद कमजोर है. लालू और नीतीश के बाद राज्य की सत्ता संभालने के लिए नेता नहीं है, जनता के पास शायद तेजस्वी और चिराग पासवान ही बचें क्योंकि नीतीश के बेटे निशांत कुमार ने इस पूरी गहमागहमी के बीच ऐलान कर दिया है कि वो राजनीति नहीं धर्म का रास्ता चुनेंगे.

<b>मेरी राजनीति में दिलचस्पी नहीं है, न ही मुझे इसकी कोई जानकारी है. मेरा पहला प्यार पूजा-पाठ है और अब मैं धर्म के रास्ते पर आगे बढ़ रहा हूं. मैंने फैसला किया है कि मैं आध्यात्म के रास्ते पर चलूंगा. मेरे पिता को परिवारवाद की राजनीति पसंद नहीं, इसलिए वो मुझे राजनीति में आने के लिए नहीं कहेंगे. </b>
निशांत कुमार, नीतीश कुमार के बेटे

गौर करने वाली बात है कि बिहार में नीतीश की सरकार लालू की पार्टी के समर्थन से चल रही है. लालू के दोनों बेटों के साथ नीतीश का रिश्ता काफी अच्छा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या नीतीश इस नए शगूफे पर कुछ बोलेंगे और क्या बिहार की जनता एक परिपक्व राजनेता की जगह एक युवा नेतृत्व के लिए तैयार है?

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Published: 26 Feb 2017,11:50 AM IST

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