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महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण से शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन ‘महा विकास अघाड़ी’ ने गैर-बीजेपी दलों को एक संदेश देने की कोशिश की है. शपथ ग्रहण समारोह में भले ही गिने-चुने नेता पहुंचे हों, लेकिन शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित किया गए शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों को अपनी ताकत दिखाई.
उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण के दौरान मंच पर विपक्ष के तमाम नेताओं ने एक साथ आकर एकजुटता का संदेश दिया. इस शपथ ग्रहण समारोह में शरद पवार और उद्धव ठाकरे के परिवार एक मंच पर नजर आए.
साथ ही इस नए गठबंधन ने अन्य विपक्षी दलों को ये संदेश देने की भी कोशिश की है कि अगर महाराष्ट्र में विपरीत विचारधारा वाले दल एक साथ आ सकते हैं, तो दूसरे राज्यों में भी विपक्षी दलों को आपसी मतभेद भुलाकर एक साथ आना चाहिए.
मुंबई के शिवाजी पार्क में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, कपिल सिब्बल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, अभिषेक मनु सिंघवी और पृथ्वीराज चव्हाण मंच पर बैठे नजर आए.
इसके अलावा डीएमके चीफ एमके स्टालिन, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार भी एक साथ मंच पर नजर आए.
शपथ ग्रहण में पहुंचे मेहमानों में सबसे ज्यादा चर्चा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे की हुई. शिवसेना की कमान उद्धव को सौंप दिए जाने के बाद राज ठाकरे परिवार से दूर हो गए थे. दरअसल, राज ठाकरे शिवसेना में पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे के बाद नंबर दो की हैसियत रखते थे. उद्धव ठाकरे की राजनीति में दिलचस्पी न होने की वजह से माना जा रहा था कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे अपने भतीजे राज ठाकरे को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकते हैं.
लेकिन बाल ठाकरे ने साल 2003 में अपने बेटे उद्धव को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित कर दिया, जिसके बाद राज ठाकरे ने परिवार से अलग होकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया.
उद्धव के शपथ ग्रहण में राज ठाकरे के पहुंचने की खूब चर्चा हो रही है. माना जा रहा है कि आने वाले समय में उद्धव और राज ठाकरे के संबंधों में जमीं बर्फ पिघल सकती है.
उद्धव ठाकरे के शपथ ग्रहण से पहले सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की थी कि इस समारोह में गांधी परिवार से कौन पहुंचेगा? बुधवार की देर शाम उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे खुद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता देने पहुंचे थे. लेकिन सोनिया इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुईं.
हालांकि, सोनिया ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को शुभकामनाएं दीं और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाने के लिए खेद प्रकट करते हुए उम्मीद जताई कि उनके नेतृत्व वाली सरकार राज्य की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उद्धव को पत्र लिखकर शुभकामनाएं दीं.
सोनिया गांधी के शपथ ग्रहण में शामिल न होने को कांग्रेस की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि सोनिया नहीं चाहती थीं कि कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा वाली शिवसेना के साथ गठबंधन के बाद वह शपथ ग्रहण में भी शामिल हों और देश के बाकी हिस्सों में पार्टी को लेकर कोई गलत संदेश जाए. जानकारों की मानें तो शिवसेना के साथ गठबंधन से पहले भी कांग्रेस के भीतर खूब माथापच्ची हुई. और अब गठबंधन के बाद भी कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम रखना चाहती है.
गठबंधन से पहले जो चर्चा हुई उसमें भी ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस और एनसीपी दोनों ही दलों ने शिवसेना को उसकी कट्टर हिंदुत्व की छवि बदलने पर जोर दिया. तीनों दलों के गठबंधन ने जो कॉमन मिनिमम प्रोग्राम जारी किया है, उसकी प्रस्तावना में भी धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर जोर दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है आने वाले दिनों में शिवसेना अपने कट्टर हिंदुत्व वाले एजेंडे से दूरी बना सकती है.
उद्धव के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को न्योता भेजा गया था. लेकिन इस शपथ ग्रहण में बीजेपी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अलावा कोई शामिल नहीं हुआ.
जल्दबाजी में रखे गए शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों के कई बड़े चेहरे इसमें शामिल नहीं हो सके. लेकिन उद्धव को देश के अलग-अलग हिस्सों से विपक्षी दलों के बड़े नेताओं ने शुभकामनाएं भेजीं.
उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को महाराष्ट्र में 'महा विकास अघाड़ी’ सरकार को बधाई देते हुये भारतीय जनता पार्टी पर व्यंग्य किया और कहा, ‘अच्छे दिन पूरे हुए.’
कर्नाटक से जेडीएस के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने महाराष्ट्र में सरकार के गठन पर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले लोगों के मुंह पर ‘कड़ा तमाचा’ है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महाराष्ट्र में सरकार गठन के वास्ते साथ आने के लिए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को बधाई दी.
बनर्जी ने कहा कि वह उनके नेतृत्व में जन समर्थक और स्थिर सरकार की आशा करते हैं जो महाराष्ट्र के चौतरफा विकास के लिये काम करेगी.
बता दें, ममता बनर्जी को भी शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता भेजा गया था. लेकिन वह नहीं पहुंची. ममता बनर्जी के बारे में ये कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में पश्चिम बंगाल में चुनाव है, ऐसे में अगर वह हिंदुत्व के एजेंडे वाली शिवसेना के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचती तो पश्चिम बंगाल में उसे ‘मुस्लिम वोट’ के खफा होने का खतरा था.
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत कई कद्दावर नेताओं ने महाराष्ट्र में बने नए गठबंधन का स्वागत किया है और उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री चुने जाने की बधाई दी हैं.
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Published: 28 Nov 2019,11:19 PM IST