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उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के बाद अब लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने भी बीजेपी को तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. चिराग की पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में एनडीए के बीच सीट बंटवारे के लिए बीजेपी को 31 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है.
पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी सात सीटों की मांग पर अड़ी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने बिहार में एनडीए के बीच सीट बंटवारे को 31 दिसंबर तक अंतिम रूप दिए जाने की मांग की है.
लोक जनशक्ति पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था 'TDP और RLSP के NDA गठबंधन से जाने के बाद NDA गठबंधन नाजुक मोड़ से गुजर रहा है. ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीके से दूर किया जाए.'
उन्होंने कहा था 'गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से मुलाकात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है. इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है.'
LJP के प्रदेश अध्यक्ष और बिहार की एनडीए सरकार में मंत्री पशुपति कुमार पारस ने चिराग के ट्वीट को सही और पार्टी की भावना के अनुकूल बताते हुए कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे में काफी देरी हो रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए में सबसे बड़ी पार्टी इसका नेतृत्व कर रही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सभी दलों को साथ बिठाकर सीटों का बंटवारा करना चाहिए था पर ऐसा उन्होंने नहीं किया.
पारस ने आरोप लगाते हुए कहा-
यह पूछे जाने पर कि चिराग ने जो बातें ट्वीट के जरिए कही थीं क्या उसे चेतावनी माना जाए, पारस ने इससे इंकार करते हुए कहा कि एनडीए में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है ऐसे में बड़ों से लोग अपने अधिकार की मांग करते हैं. ऐसे में चिराग ने एक मांग रखी है कि सीट शेयरिंग को लेकर बहुत देरी हो रही है इसलिए इसका नकारात्मक संदेश नहीं जाना चाहिए.
एलजेपी के एनडीए से बाहर होने और यूपीए में शामिल होने की अटकलों को लेकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रंजीत रंजन ने कहा, ‘चिराग पासवान जी और राम विलास पासवान जी ने मौसम के मिजाज को समझ लिया है. और अब वो डूबती हुई नैया में पांव नहीं रखना चाहते हैं. उन्हें एहसास हो चुका है कि जो मुद्दे ये एनडीए के साथ लेकर चल रहे हैं वो गलत हैं.’
एलजेपी के यूपीए में शामिल होने के सवाल पर कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने कहा-
रामविलास पासवान की एलजेपी पहले कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए में थी, साल 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले एनडीए में शामिल हो गई थी और उसने बिहार में सात सीटों में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी.
ऐसी अटकलें लगायी जा रही हैं कि एलजेपी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अगले साल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे और अपना संसदीय निर्वाचन क्षेत्र हाजीपुर पुत्र चिराग के लिए छोड़ सकते हैं और खुद राज्यसभा में जा सकते हैं.
बिहार में एनडीए से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम' सेक्युलर के निकलने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता में आरएलएसपी इस गठबंधन से बाहर हो गयी थी और बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले इस गठबंधन में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और एलजेपी ही बची है.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली टीडीपी राज्य को विशेष सहायता नहीं मिलने पर एनडीए से अलग हो गई थी. इस बीच आरएलएसपी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पर अपने अहंकार में छोटे दलों को तबाह करने पर तुले होने का आरोप लगाते हुए कहा कि एलजेपी को उनके उदाहरण का पालन करना चाहिए और एनडीए से बाहर निकलना चाहिए.
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Published: 20 Dec 2018,11:49 AM IST