मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिहार: 5वें चरण में करीब 56% वोटिंग, हाजीपुर में 2% की बढ़ोतरी से किसे फायदा?

बिहार: 5वें चरण में करीब 56% वोटिंग, हाजीपुर में 2% की बढ़ोतरी से किसे फायदा?

Bihar Lok Sabha Election 2024: बिहार में 5वें चरण की वोटिंग में 2019 के मुकाबले करीब 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

मोहन कुमार
पॉलिटिक्स
Published:
<div class="paragraphs"><p>लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में बिहार की 5 लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हुआ.</p></div>
i

लोकसभा चुनाव के 5वें चरण में बिहार की 5 लोकसभा सीटों पर मतदान पूरा हुआ.

(फोटो: PTI)

advertisement

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के 5वें चरण का मतदान खत्म हो गया है. बिहार (Bihar) की पांच लोकसभा सीटों- हाजीपुर, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और सीतामढ़ी में वोटिंग हुई. चुनाव आयोग के शाम 6 बजे तक के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, पांचों सीटों पर करीब 56 फीसदी मतदान हुआ है. सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर में 58 फीसदी और सबसे कम मधुबनी में 52 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले वोटिंग में करीब 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है.

चलिए आपको बताते हैं कि इस वोटिंग पर्सेंटेज के क्या मायने हैं? 2014 से लेकर अभी तक के चुनावों में क्या ट्रेंड दिख रहा है?

मतदान प्रतिशत पर एक नजर

  • सीतामढ़ी- 58%

  • मधुबनी- 52%

  • मुजफ्फरपुर- 58%

  • सारण- 55%

  • हाजीपुर- 57%

ये अनुमानित आंकड़े शाम 6 बजे तक के हैं. इसमें बदलाव हो सकता है. चुनाव आयोग के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के दो मतदान केंद्रों पर चुनाव का बहिष्कार हुआ है.

वोटिंग खत्म होने के साथ ही पांचवें चरण में कुल 80 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में कैद हो गई. इनमें 6 महिलाएं भी शामिल हैं. मुख्य रूप से इन पांच सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) और भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (इंडिया) के बीच टक्कर है. सारण हॉट सीट मानी जा रही है, जहां बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी का मुकाबला आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्य से है. गौरतलब है कि 2019 के चुनाव में इन पांच सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी जीते थे.

2009-24 तक कैसा रहा वोटिंग ट्रेंड?

पिछले बार के मुकाबले इस बार 5वें चरण की वोटिंग में मामूली गिरावट देखने को मिल रही है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 2019 में जहां 57 फीसदी मतदान दर्ज हुआ था. इस बार 56 फीसदी वोटिंग हुई है. वहीं 2014 में भी 56% वोटिंग हुई थी.

जानकारों की मानें तो वोटिंग को लेकर जनता के रुझान में ज्यादा बदलाव नहीं होना सत्ता पक्ष के लिए मुफीद माना जाता है.

सीतामढ़ी: सीता माता की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध सीतामढ़ी में इस बार करीब 58 फीसदी वोट पड़े जो कि 2019 के मुकाबले 1 फीसदी कम है. 2014 में 57 फीसदी मतदान हुआ था.

इस बार इस इस सीट पर 14 उम्मीदवार मैदान में हैं लेकिन मुकाबला NDA और इंडिया में सीधा है. बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर JDU के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं और उनके सामने RJD के अर्जुन राय हैं.

इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार अर्जुन राय ने 2009 में एनडीए उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी लेकिन महागठबंधन से 2014 और 2019 में उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2024 में फिर से इंडिया गठबंधन ने उन पर भरोसा जाताया है. वहीं जेडीयू ने मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर देवेश चंद्र ठाकुर पर दांव लगाया है.

इस सीट पर पिछले तीन बार से NDA प्रत्याशी जीतते आए हैं. 2014 में जब जेडीयू NDA का हिस्सा नहीं थी, तब भी RLSP से NDA के संयुक्त प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मधुबनी: मौजूदा सांसद और बीजेपी उम्मीदवार अशोक यादव के सामने आरजेडी के अली अशरफ फातमी हैं. इस बार आरजेडी की तरफ से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट देना एक प्रयोग माना जा रहा था. कहा जा रहा था कि पार्टी ने MY समीकरण को ध्यान में रखकर ये दांव खेला है. इससे पहले 2019 में महागठबंधन के तहत VIP ने बद्री कुमार पुरबे को उतारा था.

इस बार यहां 52 फीसदी वोट पड़े हैं. 2019 में 54 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था जबकि 2014 में 53% वोटिंग हुई थी.

बता दें कि 2009 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है. हुक्मदेव नारायण यादव यहां से लगातार दो बार सांसद चुने गए. अब उनके बेटे अशोक यादव उनकी राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं. 2019 में उन्होंने साढ़े 4 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की थी.

मुजफ्फरपुर: इस सीट पर वोटिंग प्रतिशत में करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. 2014 और 2019 में जहां 61 फीसदी वोट पड़े थे, इस बार 58 फीसदी मतदान हुआ है. यहां मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि कैंडिडेट्स पुराने हैं लेकिन पार्टियां नई हैं. दो मल्लाह नेता आमने-सामने हैं. बीजेपी ने राजभूषण चौधरी पर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस से अजय निषाद मैदान में हैं.

बता दें कि राजभूषण 2019 में VIP से महागठबंधन के उम्मीदवार थे. इस बार बीजेपी ने टिकट दिया है. वहीं 2014 और 2019 में बीजेपी सांसद रहे अजय निषाद, इस बार टिकट कटने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी बन गए हैं.

सारण: ये सीट बीजेपी और आरजेडी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है. एक तरफ बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी हैं तो दूसरी तरफ लालू यादव की बेटी और आरजेडी प्रत्याशी रोहिणी आचार्या हैं. आरजेडी इस सीट पर दोबारा से कब्जा जमाने की फिराक में है तो दूसरी तरफ बीजेपी के सामने इस सीट पर कब्जा बनाए रखने की चुनौती है.

सारण सीट पर भी मदतान में मामूली गिरावट हुई है. इस बार करीब 55 फीसदी वोट पड़े हैं जबकि 2016 में 56% मतदान हुआ था. देखना होगा कि मोदी और लालू के नाम पर हुए इस मुकाबले में जीत किसकी होती है.

हाजीपुर: ये रामविलास पासवान का गढ़ है. बीते चार दशक तक यहां की राजनीति उनके इर्द-गिर्द ही घूमती रही है. वे आठ बार यहां से जीते. यही नहीं, सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकाॅर्ड भी बनाया. इस बार उनके बेटे चिराग पासवान मैदान में हैं. उनके सामने हैं आरजेडी के उम्मीदवार शिवचंद्र राम.

चुनाव आयोग के मुताबिक, शाम 6 बजे तक यहां 57 फीसदी मतदान हुआ है. पिछले दो बार के मुकाबले यहां वोटिंग में करीब दो फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.

कहा जता है कि 1977 से लेकर 2019 तक इस सीट पर वही जीता है, जिसे रामविलास पासवान ने जिताना चाहा है. हालांकि, इस बार रामविलास पासवान नहीं हैं. चिराग अकेले अपने दम पर चुनावी मैदान में हैं, ऐसे में उनके सामने पिता की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT