मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019LJP में फूट पर LS अध्यक्ष बोले-पार्टी के संविधान से संसद नहीं चलती

LJP में फूट पर LS अध्यक्ष बोले-पार्टी के संविधान से संसद नहीं चलती

ओम बिड़ला ने कहा कि पशुपति पारस का LJP संसदीय दल का नेता चुना जाना उचित था क्योंकि 5 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षर थे

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Updated:
LJP में फूट पर LS अध्यक्ष:पार्टी संविधान के आधार पर नहीं चलती संसद
i
LJP में फूट पर LS अध्यक्ष:पार्टी संविधान के आधार पर नहीं चलती संसद
फोटोः Twitter)

advertisement

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में पार्टी अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठापटक का जिक्र करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा है कि संसद किसी सियासी पार्टी के संविधान से नहीं चलती. बिड़ला ने कहा कि किसी भी संसदीय दल के नेता को चुनने के लिए प्रक्रिया का पालन करना होता है और ये पार्टी का अपना फैसला होता है. अगर एक पार्टी पूरी प्रक्रिया का पालन करती है और संसदीय दल का नेता, साथ ही चीफ व्हीफ लेटर पेश करते हैं तो फैसला तय समझा जाता है.

ओम बिड़ला ने कहा कि पशुपति पारस का LJP संसदीय दल का नेता चुना जाना उचित था क्योंकि 5 लोकसभा सदस्यों के हस्ताक्षर थे और चीफ व्हीफ का लेटर भी था.

चिराग पासवान के दावे पर क्या बोले ओम बिड़ला?

जब ओम बिड़ला से इस मामले में पुनर्विचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ''चिराग पासवान ने एक पत्र सौंपकर दावा किया कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के संविधान के बारे में जिक्र किया है. मैं साफ कर दूं कि संसद किसी पार्टी के संविधान के आधार पर पर नहीं चलती."

एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने कहा था कि उनका मानना है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पार्टी के संविधान के बारे में जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने पशुपति कुमार पारस को संसदीय दल का नेता घोषित कर दिया.

बता दें कि गुरुवार को पटना में हुई पारस गुट की बैठक में पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. अध्यक्ष चुने जाने के बाद पार्टी के सभी नेताओं का आभार जताते हुए कहा कि हमें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का मौका मिला है, कोशिश होगी कि पार्टी को आगे बढाएं और रामविलास पासवान के सपने को पूरा करेंगे.

वहीं चिराग पासवान का तर्क है कि चुनाव अवैध था क्योंकि ये एलजेपी के ऐसे सदस्यों द्वारा किया गया था जिन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. पासवान कह रहे हैं कि, "एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है, जिसमें लगभग 75 सदस्य होते हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में केवल 9 सदस्य मौजूद थे. निलंबित सदस्यों ने मेरे चाचा को अध्यक्ष चुना है, जो कि अवैध है."

कुल मिलाकर अभी दो धड़े में बंटी पार्टी में पशुपति पारस का पलड़ा भारी दिख रहा है. वहीं चिराग पासवान भी लंबी लड़ाई के लिए तैयार दिख रहे हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 18 Jun 2021,10:59 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT