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मध्य प्रदेश में हनी ट्रैप का जाल इतना लंबा होता जा रहा है जिसका किसी को अंदाजा भी नहीं था. इसे भारत का सबसे बड़ा सेक्स स्कैंडल माना जा रहा है. इस केस ने एक बार फिर मध्य प्रदेश के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) की यादें ताजा कर दी हैं. इस कांड की सुइयां भी व्यापम की तरह नौकरशाहों-सफेदपोशों के इर्दगिर्द ही घूमती नजर आ रही है. कई अधिकारियों और नेताओं के नाम हनी ट्रैप में सामने आए हैं.
देश के इस बड़े हनीट्रैप रैकेट की परतें तब खुलनी शुरू हुईं जब एक हफ्ते पहले इंदौर की पुलिस ने दो महिलाओं और उनके ड्राइवर को गिरफ्तार किया था. ये महिलाएं नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह का वीडियो बनाने के बाद उसे ब्लैकमेल कर उससे तीन करोड़ रुपये मांग कर रही थीं. मांगी गई रकम की पहली किश्त के तौर पर 50 लाख रुपये लेने आईं तो पकड़ी गईं.
हनी ट्रैप के इस मामले की जांच अब एसआईटी (विशेष जांच टीम) को सौंप दी गई है. इसके साथ ही राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस और विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं के नाम इस हनीट्रैप सेक्स कांड से जुड़ने लगे हैं. अभी तक किसी भी नेता पर पुलिस ने तो उंगली नहीं उठाई है, मगर चर्चा यही है कि हनीट्रैप सेक्स कांड की महिलाओं से नेताओं के रिश्ते रहे हैं.
व्यापमं घोटाले पर गौर करें तो एक बात साफ होती है कि इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों और कई नेताओं को जेल जाना पड़ा है. यह अंतर्राज्यीय घोटाला साबित हुआ. इस मामले की एसटीएफ , एसआईटी के बाद सीबीआई जांच कर रही है. इस मामले से जुड़े लगभग 50 लोगों की मौत हो चुकी है. इस घोटाले में 1,450 छात्रों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए और परिजनों को भी आरोपी बनाया गया. लगभग 3000 लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनमें से बड़ी संख्या में लोगों को जेल जाना पड़ा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने कहा, "हनीट्रैप सेक्स कांड पूरी तरह चारित्रिक पतन से जुड़ा हुआ है, यह घोटाला व्यापमं का पार्ट-2 है, जिसमें बड़े कारोबारी, नौकरशाह, राजनेता, मीडिया जगत के लोग जुड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह जांच सक्षम अधिकारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजीव शमी को सौंपी है, उनकी जांच के बाद दूसरी किसी जांच की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सारे चेहरे बेनकाब हो जाएंगे"
वहीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर चुके हैं. बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि जांच पूरी तरह पारदर्शी व निष्पक्ष होनी चाहिए, मगर सरकार जांच को अपनी मर्जी के अनुसार दिशा देने का प्रयास कर रही है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संकेत दिया है कि इसमें बीजेपी नेता भी फंस सकते हैं.
सूत्रों का दावा है कि अगर जांच सही हुई और राजनीतिक दखल नहीं रहा, तो कई ऐसे नेताओं और अफसरों के चेहरे बेनकाब होंगे, जिनका अपने-अपने क्षेत्र में करियर अभी बहुत लंबा है और वे वर्तमान में भी प्रमुख पद पर हैं. जिन लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों से जुड़े नेता बड़ी संख्या में हैं. पुलिस के हाथ 100 से ज्यादा वीडियो और 200 से ज्यादा ऐसे फोन नंबर लग गए हैं, जो सियासी तूफान खड़ा कर सकते हैं.
पिछले दिनों में हनीट्रैप सेक्स कांड से जुड़ी महिलाओं की तमाम बड़े नेताओं के साथ आई तस्वीरें और एक अफसर के साथ वीडियो यह तो साबित कर ही रहा है कि इस गिरोह का राज्य की सियासत और नौकरशाही में पर्याप्त दखल रहा है. इसी के चलते कई लोग यह भी आशंका जता रहे हैं कि इस कांड का हाल भी कहीं व्यापम जैसा न हो जाए. पहले कई नेता-अफसर पकड़े जाएं और फिर सभी रिहा होते जाएं.
(खबर IANS से ली गई है)
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Published: 26 Sep 2019,01:29 PM IST