मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019MP में सत्ता की चाबी 16 बागी विधायकों के हाथ, BJP का पलड़ा भारी

MP में सत्ता की चाबी 16 बागी विधायकों के हाथ, BJP का पलड़ा भारी

मध्य प्रदेश में मंगलवार को हो सकता है फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने लिखा पत्र

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
Published:
मध्य प्रदेश में मंगलवार को हो सकता है फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने लिखा पत्र
i
मध्य प्रदेश में मंगलवार को हो सकता है फ्लोर टेस्ट, राज्यपाल ने लिखा पत्र
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

मध्य प्रदेश की सियासत विधायकों के अंकगणित पर आकर ठहर गई है, जिसने यह गणित अपने पक्ष में कर लिया सत्ता उसके हाथ में होगी और जो चूक गया, सत्ता उससे दूर ही रहेगी. इस अंकगणित को मजबूत करने में कांग्रेस के बागी 16 विधायकों की बड़ी भूमिका है और सत्ता की चाबी उन्हीं के हाथ नजर आ रही है.

विधायकों का इस्तीफा नहीं हुआ मंजूर

राज्य में बीते 10 से ज्यादा दिन सियासी ऊहापोह के बीच गुजरे हैं. आने वाले दिनों में भी यही हाल रहने वाला है, इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता. बीजेपी में शामिल होने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायकों ने बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इनमें से 6 का इस्तीफा मंजूर किया जा चुका है, इस तरह 16 विधायकों का इस्तीफा अब भी मंजूर या नामंजूर नहीं हुआ है. यह 16 विधायक अपना इस्तीफा मंजूर करने का विधानसभाध्यक्ष एनपी प्रजापति से अपील कर चुके हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन ने 14 मार्च को मुख्मयंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था, मगर ऐसा हुआ नहीं. मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि जब विधायक बंदिश में हैं तो फिर फ्लोर टेस्ट का क्या मतलब है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या है मौजूदा स्थिति

विधानसभा की वर्तमान स्थिति पर गौर करें तो 230 सदस्यों मे से दो स्थान खाली हैं, छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जा चुके हैं, अब सदन में कांग्रेस के 108, बीजेपी के 107, बीएसपी के दो, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायक हैं. कांग्रेस के कुल 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिसमें छह का इस्तीफा मंजूर हो चुका है अगर 16 विधायकों का भी इस्तीफा मंजूर हो जाता है तो कांग्रेस के पास 92 विधायक बचेंगे. अगर कांग्रेस को एसपी, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल भी रहता है तो विधायकों की संख्या 99 ही हो पाती है.

राज्य की विधानसभा में 228 में से 22 विधायकों को कम किए जाने पर विधायकों की कुल संख्या 206 रह जाएगी और बहुमत के लिए 104 सदस्यों की जरूरत होगी, इस तरह बीजेपी के पास बहुमत से तीन ज्यादा होंगे और कांग्रेस के पास बहुमत से पांच कम.

फ्लोर टेस्ट के लिए अल्टीमेटम?

बीजेपी ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को 106 विधायकों के शपथ पत्र देने के साथ परेड भी करा दी और दावा किया है कि राज्य में कमलनाथ सरकार अल्पमत में है. बीजेपी को वर्तमान स्थिति में बहुमत है.

राज्यपाल टंडन ने दोबारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और 17 मार्च तक फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है. साथ ही कहा है कि संवैधानिक और लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए मंगलवार 17 मार्च तक मध्य प्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराएं और बहुमत साबित करें, नहीं तो यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत नहीं है.

बीजेपी की तरफ से कांग्रेस को बहुमत न होने की बात पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, "बीजेपी को लगता है कि उनके पास बहुमत है तो वो अविश्वास प्रस्ताव लाएं, उन्हें रोका किसने है, हम अपना बहुमत साबित करेंगे."

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT