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महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर बुधवार, 24 अगस्त को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन वाले शिवसेना गुट और विपक्षी दलों के सदस्यों के बीच झड़प (Maharashtra Assembly Scuffle) हो गई. शिवसेना विधायक महेश शिंदे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के एमएलसी अमोल मितकारी के बीच हाथापाई की स्थिति आ गयी. अमोल मितकारी ने आरोप लगाया है कि सत्तारूढ़ विधायकों ने उन्हें गाली दी है.
महाराष्ट्र में विपक्ष लगातार एकनाथ शिंदे के खेमे वाले शिवसेना विधायकों पर पैसे लेकर पाला बदलने का आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में तानों और विरोध का जवाब देने के लिए बुधवार को मुख्य सचेतक भरत गोगावाले के नेतृत्व में शिंदे खेमे के शिवसेना विधायकों ने पिछले महा विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विधानसभा के सामने जमा हो गए थे.
शिंदे खेमे के विधायक भरत गोगावाले ने कहा है कि जब उनका विरोध चल रहा था तो विपक्ष के सदस्यों को उनके पास नहीं आना चाहिए था. उन्होंने कहा कि " उन्होंने पहले बहसबाजी शुरू की. वो इतने दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे तो हमने कभी दखल नहीं दिया था."
एनसीपी के अमोल मितकारी ने कहा कि एमवीए ने सुबह 10.30 बजे विधायी भवन की सीढ़ियों पर विरोध करने का फैसला किया था.
सांसद और एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने ट्वीट करते हुए कहा है कि "महाराष्ट्र की संस्कृति को अशोभनीय वर्तन सत्ताधारी विधेयकों ने किया है. महाराष्ट्र में कायदा व सुव्यवस्था बरकरार रहने के लिए राज्य के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस जी से जल्द से जल्द चर्चा करें और हालात देखते हुए शिंदे गुट के विधायकों को कानुन और लोकतांत्रिक मूल्यों की सीख दें" (sic)
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र गुरुवार, 25 अगस्त को खत्म होने वाला है.
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