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महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के बीच गठबंधन को लेकर अब भी अनिश्चितता है. लेकिन अब तक पक्का समझा जा रहा कांग्रेस-एनसीपी गठजोड़ भी लफड़े में फंसता जा रहा है. दोनों पार्टियों के बीच इस बात को लेकर सबसे बड़ा लोचा है कि कौन-कौन से नए ग्रुप इसमें शामिल किए जाएं.
कांग्रेस चाहती है कि राजू शेट्टी का शेतकारी संगठन इसका हिस्सा हो. लेकिन एनसीपी फिलहाल इसके लिए तैयार नहीं है.
राजू शेट्टी ने 2014 में बीजेपी के सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन अब वो एनडीए को बाय-बाय कर चुके हैं. शेट्टी ने एनडीए सरकार पर किसानों से वादाखिलाफी का आरोप लगाया था.
राजू शेट्टी को पश्चिम महाराष्ट्र का एक प्रभावशाली किसान नेता माना जाता है. खासतौर पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के बारामती इलाकों में अच्छा प्रभाव माना जाता है. राजू शेट्टी एनसीपी के असर वाली इन 6 लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं.
इसी तरह बुलढाना सीट पर भी एनसीपी का दावा है. इस पर राजू शेट्टी की नजर है. ये सीट विदर्भ में आती है. साथ ही वर्धा सीट, जो कांग्रेस के पास है.
इसी तरह प्रकाश अंबेडकर की पार्टी को गठबंधन में शामिल करना है या नहीं, इस पर भी सहमति नहीं बनी है. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, अम्बेडकर भी 5 से 7 लोकसभा सीटों की मांग कर रहे हैं और कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है.
दूसरी तरफ एनसीपी का मानना है कि प्रकाश अंबेडकर को गठबंधन का हिस्सा बनाने से एक मैसेज जाएगा.
गठबंधन पर सहमति बनाने के लिए कुछ ही दिनों पहले दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार से हुई थी. मुलाकात में तय हुआ था कि गठबंधन की बारीकियों पर विचार करने के लिए दोनों पार्टियों के राज्य के प्रमुख नेताओं की बैठक हो.
इसी सिलसिले में बुधवार को दोनों पार्टियों के नेताओं की बैठक हुई. इसमें कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण और राधाकृष्ण विखे पाटिल थे, जबकि एनसीपी का प्रतिनिधित्व जयंत पाटिल और अजित पवार कर रहे थे. सूत्रों की मानें, तो फिलहाल सारे मतभेद दूर नहीं हुए हैं.
पिछला लोकसभा चुनाव दोनों पार्टियों ने अलग-अलग लड़ा था और दोनों को ही बड़ा नुकसान हुआ था. लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह विपक्षी एकता के शरद पवार एक बड़े पैरोकार रहे हैं, उससे लगता है कि चुनाव से पहले सारे मतभेदों को दूर कर लिया जाएगा.
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