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महाराष्ट्र चुनाव: BJP ने क्यों काटे 5 सबसे कद्दावर नेताओं के नाम?

नंबर दो की हैसियत रखने वाले खडसे, ऊर्जा मंत्री बावनकुले और शिक्षामंत्री विनोद तावड़े समेत 5 बड़े नेताओं के टिकट कटे

सुदीप्त शर्मा
पॉलिटिक्स
Updated:
महाराष्ट्र चुनाव: BJP ने क्यों काटे 5 सबसे कद्दावर नेताओं के नाम?
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महाराष्ट्र चुनाव: BJP ने क्यों काटे 5 सबसे कद्दावर नेताओं के नाम?
फोटो: क्विंट हिंदी/सुदीप्त

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महाराष्ट्र में बीजेपी ने अपनी चौथी लिस्ट में सात कैंडिडेट का नाम जारी किया है. इनमें मंत्री रहे दो बड़े नेताओं का टिकट काटा गया है. सरकार में कभी अघोषित तौर पर नंबर दो रहे एकनाथ खडसे और शिक्षामंत्री विनोद तावड़े को बीजेपी ने इस बार उम्मीदवार घोषित नहीं किया है.

पार्टी अब तक दो मंत्री, दो पूर्व मंत्रियों और चीफ व्हिप जैसे बड़े नेताओं का टिकट काट चुकी है. पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले और मंत्री दर्जा प्राप्त विधायक राज पुरोहित को भी टिकट नहीं दिया गया है. साथ ही पूर्व मंत्री प्रकाश मेहता पर भी बीजेपी ने भरोसा जताया है.

समझिए आखिर इन बड़े नेताओं का टिकट क्यों काटा गया.

एकनाथ खडसे: कभी सरकार में नंबर दो रहे, इस बार नहीं मिला टिकट

फोटो: फेसबुकएकनाथ खडसे को 2016 में पुणे लैंड डील में हुए घपले के बाद इस्तीफा देना पड़ा था. उन पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा था. 

एकनाथ खडसे महाराष्ट्र बीजेपी के सीनियर लीडर हैं. वे 1991 से मुकतईनगर से विधायक चुने जा रहे हैं. इस बार पार्टी ने यहां से उनका टिकट काटकर उनकी बेटी रोहिणी खडसे को उम्मीदवार बनाया है.

खडसे, देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राजस्व मंत्री थे. लेकिन 2016 में उन पर अपने पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगे. खडसे पर पुणे में एक लैंड डील में घपले के आरोप लगे थे.

इसके चलते उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. फडणवीस ने मंत्रीमंडर विस्तार में भी उन्हें वापस शामिल नहीं किया. हाल ही में चर्चा थी कि वे एनसीपी ज्वाइन कर सकते हैं. लेकिन बीजेपी उन्हें मनाने में कामयाब रही. उनसे समझौते के तहत पार्टी को उनकी बेटी को उम्मीदवार बनाना पड़ा.

विनोद तावड़े: शिक्षा मंत्रालय न संभाल पाने का आरोप

फोटो: फेसबुकविनोद तावड़े के पास उच्च शिक्षा और तकनीकी मंत्रालय था. 

फडणवीस सरकार में उच्च शिक्षा और तकनीकी मंत्री रहे विनोद तावड़े 2014 में बोरिवली सीट से बड़े मार्जिन से जीते थे. लेकिन उन पर अपने डिपार्टमेंट को ठीक तरह से न संभाल पाने का आरोप लगता रहा है. माना जा रहा है इसी के चलते उनका टिकट काटा गया है.

तावड़े ने हाल ही में 10 वीं क्लास के बच्चों के लिए सोशल साइंस और भाषा में इंटरनल एक्जाम बंद करवा दिए थे. इसके चलते रिजल्ट काफी खराब रहा. नाराज छात्रों ने जूनियर कॉलेज एडमिशन के दौरान जमकर हंगामा किया और सरकार की खूब किरकिरी हुई.

तावड़े ने ''फी रेगुलेशन एक्ट'' में कुछ बदलावों का सुझाव दिया था. इनकी भी जमकर आलोचना हुई थी. तावड़े के कार्यकाल में स्कूलों में छात्रों का एडमिशन भी कम हुआ. उनपर दूर-दराज के इलाकों में स्कूल बंद करवाने के भी आरोप लगे. तावड़े की सीट पर सुनील राणे को टिकट दिया गया है.

चंद्रशेखर बावनकुले: नितिन गडकरी से नजदीकियां पड़ी महंगी?

चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर की काम्पटी सीट से तीन बार विधायक रहे हैं. फडणवीस सरकार में ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले को नितिन गडकरी का करीबी माना जाता है. बावनकुले का टिकट काटकर बीजेपी ने टेकचंद सावरकर को उम्मीदवार बनाया है. इसी सीट से चंद्रशेखर की पत्नी ज्योति बावनकुले ने निर्दलीय पर्चा भरा है.

टिकट कटने के पीछे मोदी-शाह की जोड़ी का नितिन गडकरी के साथ चल रही उठपटक को वजह बताया माना जा रहा है. हालांकि बावनकुले ने खुद के टिकट काटे जाने पर कहा कि पार्टी ने उन्हें विदर्भ में पूरे चुनाव को देखने का बड़ा काम दिया है. उन्हें मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बावनकुले को नागपुर की ही कटोल सीट से टिकट दिया जा सकता है.

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प्रकाश मेहता: पहले गया मंत्रीपद, अब नहीं मिला टिकट

प्रकाश मेहता की जगह कभी उनके करीबी रहे पराग शाह को टिकट दिया गया है. इस साल जून में मेहता को कैबिनेट से बाहर किया गया था.फोटो: फेसबुक

फडणवीस सरकार में मंत्री रहे घाटकोपर ईस्ट से विधायक प्रकाश मेहता को इस साल जून में ही कैबिनेट से बाहर किया गया था. उनपर एक स्लम डिवेल्पमेंट प्रोजेक्ट में घोटाले के आरोप लगे थे.

मेहता की जगह पार्षद पराग शाह को उम्मीदवार बनाया गया है. शाह मुंबई के सबसे अमीर पार्षद हैं. अपना नामांकन भरने से पहले वे मेहता के पास पहुंचे. जहां मेहता के समर्थकों ने उनकी गाड़ी पर अंडे फेंके और उनकी गाड़ी का शीशा तोड़ दिया. समर्थक प्रकाश मेहता से निर्दलीय चुनाव लड़ने की अपील कर रहे हैं.

6 बार विधायक रहे राज पुरोहित का भी टिकट कटा

फोटो: फेसबुकराज पुरोहित 6 बार विधायक रहे हैं. लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट काट दिया.

मंत्री-दर्जा प्राप्त राज पुरोहित विधानसभा में पार्टी की चीफ व्हिप थे. वे 6 बार विधायक रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी मुंबई बीजेपी प्रेसिडेंट और विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा से अनबन चल रही है. उनका एक वीडियो भी सामने आया था. इसमें वे प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के खिलाफ कमेंट करते हुए दिखाई दे रहे थे. पुरोहित की जगह एनसीपी से बीजेपी में शामिल हुए राहुल नार्वेकर को टिकट दिया गया है.

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Published: 05 Oct 2019,11:16 AM IST

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