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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक हफ्ते बाद भी सरकार बनाने को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है. शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रही जबरदस्त रस्साकशी के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने 31 अक्टूबर को एनसीपी चीफ शरद पवार से मुलाकात की. इसी दिन राज्य में और भी कई ऐसे सियासी घटनाक्रम हुए, जिनको देखते हुए सरकार बनाने के एक नए विकल्प को लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं.
पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा, ''मैं उन्हें (पवार को) दिवाली की शुभकामनाएं देने आया था. हमने महाराष्ट्र की राजनीति पर भी बात की.''
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 31 अक्टूबर को कहा कि वह बीजेपी, कांग्रेस और एनसीपी के संपर्क में हैं. इसी दिन पार्टी ने उन खबरों को भी खारिज किया, जिनमें कहा गया कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर पार्टी के रुख में नरमी आई है. इसके साथ ही पार्टी ने एक बार फिर संकेत दिए कि उसने मुख्यमंत्री पद और सरकार पर 50-50 फॉर्मूले का अपना दावा छोड़ा नहीं है.
बता दें कि बीजेपी ने 50-50 फॉर्मूले को लेकर शिवसेना की मांग खारिज कर दी है. पार्टी का कहना है कि देवेंद्र फडणवीस ही अगले 5 साल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहेंगे. इस बीच संजय राउत ने 1 नवंबर को ट्वीट कर कहा है, ''साहिब, मत पालिए अहंकार को इतना, वक्त के सागर में कई सिकंदर डूब गए.''
राउत ने कहा है, ''अगर शिवसेना फैसला कर लेती है, तो उसे राज्य में स्थायी सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्याबल मिल जाएगा. जनता ने 50-50 फॉर्मूले के आधार पर सरकार बनाने के लिए जनादेश दिया है. वो शिवसेना से मुख्यमंत्री चाहती है.''
इसके अलावा उन्होंने कहा है,
बता दें कि इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना के साथ गठबंधन में लड़ी बीजेपी 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. वहीं शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है. बात विपक्षी गठबंधन की करें तो एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली है, वहीं कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई हैं. इस तरह 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में किसी को भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला है.
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