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महाराष्ट्र में सरकार गठन का रास्ता साफ हो गया है. शिवसेना और एनसीपी-कांग्रेस की बैठक के बाद ये भी साफ हो गया है कि महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे होंगे. तीनों ही दलों ने मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति जताई है.
बैठक के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा है कि मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमति बनी है. अभी भी बैठक जारी है, जो मुद्दे बचे हैं उन पर चर्चा जारी है. उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर सहमति बनने के बाद तीनों ही दल शनिवार को संयुक्त तौर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार गठन के बारे में जानकारी देंगे.
तीनों दलों की बैठक के बाद कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘एनसीपी-कांग्रेस ने आज शुक्रवार को शिवसेना से बातचीत की. तीनों ही दलों की सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई. चर्चा सकारात्मक रही. तीनों दलों के शीर्ष नेता मौजूद थे. लेकिन अभी बातचीत पूरी नहीं हुई है. कल शनिवार को भी हम बातचीत जारी रखेंगे.’
शुक्रवार को मुंबई में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं की मीटिंग हुई. मीटिंग खत्म होने के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, “अभी बातचीत चल रही है. मुख्यमंत्री पद के लिए उद्धव ठाकरे के नाम पर भी चर्चा हुई. अब रविवार को इस मुद्दे पर बातचीत होगी. उसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. कल ही फैसला होगा कि गवर्नर के पास कब जाना है.”
जानकारी के मुताबिक, तीनों पार्टियों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन गई है. लेकिन अभी भी कुछ मुद्दों पर बातचीत जारी है.
क्विंट को सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच 16:15:12 फॉर्मूला हो सकता है. शिवसेना को मुख्यमंत्री समेत 11 कैबिनेट मंत्री और 5 राज्य मंत्री के पद मिल सकते हैं. एनसीपी को 11 कैबिनेट मंत्री, 4 राज्य मंत्री और कांग्रेस को डिप्टी सीएम समेत 9 कैबिनेट मंत्री, 3 राज्य मंत्री के पद मिल सकते हैं.
कांग्रेस को डिप्टी सीएम के अलावा विधानसभा अध्यक्ष का भी पद मिल सकता है. वहीं महामंडल में शिवसेना- 27, एनसीपी- 25, कांग्रेस - 25 का फॉर्मूला होने की उम्मीद है. सूत्रों के मुताबिक सिद्धिविनायक मंदिर का अध्यक्ष पद शिवसेना को मिलेगा. वहीं शिरडी मंदिर का अध्यक्ष पद कांग्रेस-एनसीपी के पास होगा.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि शिवसेना 56, एनसीपी 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर अपना कब्जा किया था. शिवसेना और बीजेपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सरकार बनाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी. शिवसेना ने सीएम पद को लेकर 50:50 का मुद्दा उठाया था, जिसे बीजेपी मानने को तैयार नहीं हुई, जिसके बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया. इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है.
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Published: 22 Nov 2019,07:26 PM IST