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शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. उद्धव ठाकरे भगवा कुर्ते में शपथ लेने पहुंचे. शपथ की शुरूआत में उन्होंने जैसे ही कहा, 'मी उद्धव बाला साहेब ठाकरे...' वैसे ही पूरा शिवाजी पार्क शिवसेना और उद्धव के नारों से गूंज उठा.
उद्धव के साथ शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो-दो नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. इनमें शिवसेना से एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, एनसीपी से जयंत पाटिल, छगन भुजबल, कांग्रेस से बालासाहेब थोराट, नितिन राउत शामिल हैं.
एकनाथ शिंदे (55) ठाणे शहर में शिवसेना का सबसे महत्वपूर्ण चेहरा हैं. यहां से वह लगातार चार बार विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं.
शिवसेना में संकटमोचक के तौर पर देखे जाने वाले शिंदे बीजेपी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार (2014-19) में लोकनिर्माण मंत्री थे.
उद्धव ठाकरे के विश्वस्तों में से एक सुभाष देसाई (77) अभी विधान परिषद सदस्य हैं. मंत्रिमंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य देसाई तीन बार गोरेगांव सीट का विधानसभा में प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं.
देसाई बीजेपी-शिवसेना सरकार (2014-19) में उद्योग मंत्री थे.
जयंत पाटिल (57) को साफ छवि वाले नेता के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने महत्वूर्ण माने जाने वाले लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अप्रैल 2018 में सुनील तटकरे की जगह एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई की जिम्मेदारी संभाली.
एनसीपी ने अप्रैल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में अपनी सीटें बरकरार रखीं और इसी साल अक्टूबर में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति को बेहतर किया, हालांकि इसका अधिकतर श्रेय पार्टी के मुखिया शरद पवार को दिया गया.
कभी एक-दूसरे के धुर विरोधी और विचारधारा के आधार पर एक दूसरे से अलग रुख रखने वाले दलों के गठबंधन का हिस्सा बने पाटिल को शांत स्वभाव के लिये जाना जाता है. उनके इस सरकार में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है.
महाराष्ट्र के चर्चित नेता दिवंगत राजाराम पाटिल के बेटे जयंत ने 1999 से 2014 तक प्रदेश में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की सरकार के दौरान वित्त, गृह और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले थे.
छगन भुजबल (72) महाराष्ट्र की राजनीति में कद्दावर नेता हैं और उनकी सबसे बड़ी खासियत यह कि वह राज्य में तीनों प्रमुख गैर-बीजेपी दलों से जुड़े रहे हैं. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अलग-अलग समय शिवसेना और कांग्रेस के भी सदस्य रहे हैं.
बीजेपी शासित सरकार के दौरान मार्च 2016 से दो साल जेल में बिताने के बाद एक बार फिर मंत्री बनाए जाने को उनके राजनीतिक भाग्य के फिर से चमकने के तौर पर देखा जा रहा है.
अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले भुजबल की राजनीति शिवसेना में रहने के दौरान चमकी. उन्होंने शिवसेना के गढ़ मुंबई में दो बार महापौर-1985-86 और 1990-91 का पद संभाला.
उन्होंने 1991 में शिवसेना का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था. भुजबल ने 1999 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और शरद पवार के साथ जा मिले, जिन्होंने उसी साल एनसीपी का गठन किया.
वह दिसंबर 2008 में उप-मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस-एनसीपी सरकार में गृह और लोक निर्माण जैसे अहम विभाग संभाले.
कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट (66) ने मुश्किल वक्त में पार्टी की प्रदेश इकाई की जिम्मेदारी संभाली. थोराट ने जब इस साल जुलाई में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली तो पार्टी राज्य में लोकसभा चुनाव में मिली हार से उबरने की कोशिश कर रही थी.
आम चुनावों में वह सिर्फ एक सीट जीत सकी और एनसीपी से कमजोर स्थिति में पहुंच गई. कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में 44 सीटें जीतकर अपनी स्थिति 2014 के मुकाबले थोड़ी बेहतर की. उसे दो सीटें ज्यादा मिलीं.
पूर्व में कई बार राज्य का प्रतिनिधित्व कर चुकी कांग्रेस के लिये नतीजे भले ही संतोषजनक नहीं हों लेकिन वह पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के विश्वसनीय सिपहसालार बने रहे. थोराट ने गुटबाजी से जूझ रही प्रदेश इकाई में समुचित समन्वय सुनिश्चित किया.
आम तौर पर चर्चा से दूर रहने वाले थोराट पहली बार 1985 में संगमनेर से निर्दलीय विधायक के तौर पर चुनाव जीते थे. उन्होंने 1990 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा. यह विधायक के तौर पर उनका आठवां कार्यकाल है.
वह 1999 में राज्य मंत्री बने थे और 2004 में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. कांग्रेस विधायक दल के नेता पूर्व में राजस्व, कृषि, जल संरक्षण और प्रोटोकॉल विभाग की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं.
कभी कांग्रेस के गढ़ रहे पूर्वी महाराष्ट्र के विदर्भ से आने वाले पार्टी नेता राउत (62) चार बार के विधायक हैं. वह कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और महाराष्ट्र में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्षों में से एक.
नागपुर से आने वाले राउत के पास भी सरकार में काम का पूर्व अनुभव है. वह पहले पशुधन, रोजगार गारंटी और जलसंरक्षण जैसे विभाग संभाल चुके हैं.
मुंबई के शिवाजी पार्क में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 59 वर्षीय उद्धव ठाकरे को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर तीनों दलों के वरिष्ठ नेता और हजारों कार्यकर्ता मौजूद थे.
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Published: 28 Nov 2019,07:29 PM IST