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हाल ही में हुए बिहार चुनावों में बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ, इसके अलावा हैदराबाद नगर निगम चुनावों में भी बीजेपी ने बढ़त हासिल की. लेकिन महाराष्ट्र में पार्टी को बड़ा झटका लगा है. महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्यों (एमएलसी) चुनावों में बीजेपी को सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली. जबकि तीन सीटों पर महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार जीते. बीजेपी ने खुद माना कि उन्होंने अपनी विपक्षी पार्टियों की ताकत का आकलन सही नहीं किया.
अब हम आपको बताते हैं कि इस एमएलसी चुनाव को बीजेपी के लिए झटका क्यों बताया जा रहा है. दरअसल बीजेपी के लिए ये चुनाव काफी अहम थे. क्योंकि राज्य में देखा जाए तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन फिर भी सत्ता से दूर है. इन एमएलसी चुनावों में बीजेपी की जीत उसे और मजबूत बनाती और मौका मिलने पर ये सीटें बीजेपी के लिए एक बड़ा रोल अदा कर सकती थीं.
इस चुनाव में एक बड़ा झटका ये भी है कि बीजेपी ने उसका गढ़ मानी जाने वाली नागपुर स्नातक सीट से भी हाथ धो दिया. इस सीट पर पहले जनसंघ का कब्जा रहा और बाद में बीजेपी के अस्तित्व में आने के बाद ये सीट उसके पास रही. नागपुर से दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस के पिता दिवंगत गंगाधरराव फड़नवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजनीति में जाने से पहले यहां का प्रतिनिधित्व किया. गडकरी ने तो इस सीट का चार बार (1989 से 2014) प्रतिनिधित्व किया.
इसीलिए ये फडणवीस के लिए एक बड़े नुकसान की तरह है. यहां 58 साल बाद ऐसा हुआ है कि बीजेपी के उम्मीदवार से कांग्रेस ने ताज छीन लिया है.
अब हमने यहां पर मौके की बात क्यों की? क्योंकि खुद बीजेपी नेताओं ने एमएलसी चुनाव के प्रचार के दौरान महाराष्ट्र में सरकार पलटने का दावा किया. केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने तो ये दावा कर दिया कि अगले दो-तीन महीने में महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. परभणी शहर में एक चुनावी जनसभा के दौरान पाटिल ने कहा कि,
यहां तक तो सब ठीक था, क्योंकि चुनावी माहौल में ऐसी बयानबाजी देखने को मिल ही जाती हैं. लेकिन पूर्व सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी ठीक इसी तरह का दावा कर दिया. फडणवीस ने दावा किया कि अबकी बार वो सुबह-सुबह नहीं बल्कि तय वक्त के हिसाब से शपथ लेंगे.
पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्रियों के इन बयानों से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल शुरू हो गई. इसके बाद सबकी नजरें महाराष्ट्र में होने वाले इन एमएलसी चुनावों पर टिकी रहीं. लेकिन नतीजे बीजेपी के खिलाफ आए हैं. जो महा अघाड़ी सरकार के लिए भी एक राहत भरी खबर है. क्योंकि ठाकरे सरकार कभी नहीं चाहेगी कि बीजेपी को राज्य में और ताकत मिले और वो सरकार बनाने की कोई भी कोशिश करे.
अब बीजेपी के लिए एमएलसी चुनावों में मिली करारी हार इसलिए भी बड़ा झटका है, क्योंकि विधानसभा चुनावों के बाद ये एक अहम चुनाव था. बीजेपी खुद इस बात को स्वीकार कर रही है कि चुनाव को गंभीरता से लेने में गलती हुई है. साथ ही एमएलसी चुनावों में मिली हार बीजेपी के लिए आगे आने वाले चुनावों पर भी असर डाल सकती है.
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Published: 05 Dec 2020,05:08 PM IST