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महाराष्ट्र में सरकार बनाने की खींचतान के बीच शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 7वीं पुण्यतिथि पर रविवार को राजनीति जोरों पर रही. पहली बार कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे को दादर पश्चिम के शिवाजी पार्क में स्थित स्मारक पर श्रद्धांजलि दी. इस लिस्ट में बीजेपी नेता भी दिवंगत सेना सुप्रीमो को श्रद्धांजलि देने में शामिल रहे.
महाराष्ट्र भर से आए हजारों शिव सैनिकों ने शिव तीर्थ पर अपने फायरब्रांड नेता बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि दी. ठाकरे का 17 नवंबर 2012 को निधन हो गया था.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने भी बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि अर्पित की जिनके साथ उनके गर्मजोशी भरे निजी संबंध थे. इस मौके पर पवार ने कहा, "बाल ठाकरे ने अपनी आवाज आत्म सम्मान और मराठी मानुष के गौरव के लिए बुलंद की. वह एक साहसी व्यक्ति थे और अच्छे वक्ता थे."
एनसीपी के राज्य अध्यक्ष जयंत पाटील, पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और जितेंद्र अवहाद भी शिवाजी पार्क पहुंचे, जहां 'शिव तीर्थ' स्थित है और श्रद्धांजलि अर्पित की. दिवंगत नेता के पूर्व में करीबी रहे छगन भुजबल भावुक दिखाई दिए और उन्होंने दिवंगत ठाकरे के साथ बिताए गए दिनों को याद किया.
पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर कहा कि बालासाहेब ने हमें आत्म सम्मान की सीख दी. इसके साथ उन्होंने वीडियो भी पोस्ट किया. हालांकि फडणवीस शिवतीर्थ प्रतिमा के अंदर नहीं गए, जहां शिवसेना नेता और अध्यक्ष उद्धव ठाकरे मौजूद थे.
सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि बाल ठाकरे ने पार्टी और देश को हिंदुत्व का रास्ता दिखाया था. शिवसेना ने उन्हें (बाल ठाकरे को) अपना मुख्यमंत्री देने का वादा किया था और आप देखेंगे कि सपना जल्द ही हकीकत बनेगा.
दरअसल, महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना सरकार बनाने से पहले अपने गठबंधन को अंतिम रूप देने में जुटी है. औपचारिक रूप से बीजेपी से अलग होने का संकेत देते हुए शिवसेना ने रविवार को एनडीए की एक अहम बैठक में भाग नहीं लिया, जबकि पार्टी के सांसदों के लिए सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में विपक्ष के साथ बैठने की नई व्यवस्था की गई है.
वरिष्ठ एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि शिवसेना के साथ गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और शरद पवार की नई दिल्ली में मंगलवार को बैठक निर्धारित है.
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