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महाराष्ट्र (Maharashtra) में हुई हिंसा पर सियासत तेज गरमा गई है. एक तरफ एमवीए सरकार इस हिंसा का ठीकरा बीजेपी पर फोड़ रही है तो वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इसे ध्रुवीकरण का प्रयोग बताकर एमवीए सरकार पर आरोप मढ़े हैं.
16 नवंबर को मुंबई में महाराष्ट्र बीजेपी की राज्य कार्यकारिणी बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी ने प्रस्ताव रखे. जिसमें एमवीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और राजनीति का अपराधीकरण को लेकर कई मुद्दे उपस्थित किए गए.
विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में हुए दंगों को साधारण मत समझिए. ये एमवीए सरकार का एक प्रयोग है. देश में अराजकता पैदा करने के लिए सोची समझी साजिश है. देश की सरकार के खिलाफ माइनोरिटीज को पोलराइज करने का एक विचारपूर्वक प्रयोग है.
वो आगे कहते हैं कि "असल मे वो फोटो CPIM के कार्यालय को जलाया गया था, उसके फोटो थे. दिल्ली के एक रिफ्यूजी कैम्प में कुछ किताबें जलाने वाले फोटो को कुरान जलाने का फोटो कहा जाता है. पुराने हिन्दू शोभा यात्राओं के फोटो दिखाकर बताया जाता है कि अब हिंदू मुस्लिमों पर त्रिपुरा पर हमला करने वाले हैं."
फडणवीस आगे कहते हैं कि सबसे अहम बात ये है कि राहुल गांधी ऐसा कुछ नहीं हुआ ये पता होने के बावजूद 8 नवंबर को ट्वीट करते हैं कि, त्रिपुरा में मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं. जिसके तुरंत बाद 11 नवंबर को अमरावती, मालेगांव और नांदेड़ में हजारों की संख्या में भव्य मोर्चे निकाले जाते हैं. एक ही वक्त पर बिना प्लैनिंग के इतने बड़े मोर्चे निकलते कैसे हैं? क्या सरकार, आईबी को इसकी जानकारी नहीं थी?
नवाब मलिक पर आरोप लगाते हुए कहा गया कि उन पर कवर फायरिंग की जिम्मेदारी दी गई है. उनको पता है की मोर्चे को फंडिंग कहां से हुई इसीलिए वो बीजेपी पर इसका आरोप मढ़ रहे हैं.
फडणवीस ने सवाल खड़ा किया है कि अमरावती में एसआरपीएफ की 7 कंपनियां थी. जब आगजनी -तोड़फोड़ शुरू हुई तब उन्हें कोई आदेश ही नहीं दिए गए. इस इलाके के कोल्हापुरी और नागपुर गेट पर नुकीले पत्थर आए कहां से, जिससे हमारे जवानों पर पथराव हुआ. क्या हमला करने वाला एक भी गिरफ्तार हुआ है? ये एक पैटर्न है जिससे दंगे भड़काए जाते हैं.
महाराष्ट्र के कई शहरों में निकले मोर्चों के बाद हुई हिंसा की घटना का ठीकरा बीजेपी मुस्लिम संगठन रजा अकादमी पर फोड़ रही है. यही वजह है की बीजेपी ने अपनी कार्यसमिति की बैठक में रजा अकादमी पर बैन लगाने के प्रस्ताव को पास कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की. हालांकि राज्य के गृहमंत्री का साफ़ कहना है की पूरी जांच के बाद ही ऐसे फैसले लिए जाते हैं.
दंगो के अलावा फडणवीस ने नक्सलवाद पर भी कई गंभीर खुलासे किए हैं. फडणवीस का कहना है कि विचारों का नक्सलवाद अब खत्म हो गया है. उन्होंने कहा,
बीजेपी कार्यकर्ता कभी दंगे नहीं करता या कभी मायूस लोगों पर हमला नहीं करता. लेकिन हम पर किसी ने हमला किया तो हम उसे छोडेंगे नहीं. हमारे पुराने दोस्त को हिंदुत्ववादी कहलाते होंगे लेकिन आज वो अजान की प्रतियोगिता मे व्यस्त हैं. लेकिन हम ऑफिस मेंट पॉलिटिक्स में विश्वास नहीं रखते. भले हम चुनाव हार जाये लेकिन देश विरोधी शक्तियो से हाथ नही मिलाएंगे.
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