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महाराष्ट्र (Maharashtra) में पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से चल रही सियासी पटकथा का एक अध्याय खत्म हो चुका है. शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अपना फैसला सुना दिया है. स्पीकर ने एकनाथ शिंदे गुटे की पार्टी को असली शिवसेना करार दिया है. वहीं उन्होंने उद्धव गुट और शिंदे गुट से दायर अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है.
स्पीकर के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि, "आज जो स्पीकर का आदेश आया है वह लोकतंत्र की हत्या है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत फैसला लिया है. हम ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है."
वहीं आदित्य ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "लोकतंत्र की हत्या करने वाले ट्रिब्यूनल का इससे बेशर्म फैसला पहले कभी नहीं देखा. यह स्पष्ट है कि गद्दारों का शासन डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान के खिलाफ है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय यह सुनिश्चित करेगा कि इस घृणित राजनीतिक खेल के खिलाफ संविधान और लोकतंत्र की सुरक्षा होगी."
शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने भी सुप्रीम कोर्ट जाने की बात दोहराते हुए कहा, " आज का फैसला कोई न्याय नहीं है ये एक षड्यंत्र है, हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे. हमारी लड़ाई न्यायालय में जारी रहेगी."
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, "इस फैसले के बाद अब उद्धव को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा. उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलने की उम्मीद है. अंबादास दानवे ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और इस फैसले को चुनौती देंगे."
एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, "महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिया गया निर्णय असंवैधानिक है. महाराष्ट्र की जानता को समझ आ चुका है कि वो पार्टियां और उनके नेताओं को खत्म करना चाहते हैं तो ये महाराष्ट्र की जनता सहन नहीं करेगी."
दूसरी तरफ विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे गुट के आरोप पर जवाब देते हुए कहा, "जो लोग ऐसे समझते हैं कि इसमें किसी प्रकार की अनियमतता हुई है, तो क्या अनियमतता हुई है पहले वो बताएं? केवल आरोप लगाना आसान है लेकिन उन आरोपों को सिद्ध करना मुश्किल है खासकर की तब जब निर्णय कानून के आधार पर लिया हुआ होता है."
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्पीकर के फैसले को लोकतंत्र की जीत बताते हुए कहा, "ये शिवसैनिकों की जीत है, जो हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे के विचारों का झंडा लेकर निकले थे. यह एक बार फिर साबित हो गया है कि हम बालासाहेब और धर्मवीर आनंद दिघे के हिंदुत्व विचारों के सच्चे उत्तराधिकारी हैं. आज की जीत सत्य की जीत है. सत्यमेव जयते."
महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) नेता दीपक केसरकर ने कहा, "इस फैसले से लोकतंत्र मजबूत होगा. इस फैसले की सच्चाई यह है कि पार्टी में भी लोकतंत्र होना चाहिए. यह निर्णय बिल्कुल सही निर्णय है."
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडनवीस ने कहा, "विधानसभा अध्यक्ष जी ने आज विभिन्न प्रमाण देते हुए जो आदेश दिया है, उसके बाद अब किसी के भी मन में सरकार की स्थिरता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. मैं फिर दोहराता हूं, यह सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी!"
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि "विधायकों की अयोग्यता पर फैसले से महाराष्ट्र की लोकतांत्रिक परंपरा कलंकित हुई है. नार्वेकर द्वारा दिया गया फैसला दिल्ली में गुजरात लॉबी द्वारा लिखा गया मसौदा प्रतीत होता है."
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दिया गया फैसला महाराष्ट्र और देश की राजनीति के लिए एक काला दिन है."
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