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क्या भविष्य में शिवसेना (Shivsena) और बीजेपी (BJP) फिर एक बार साथ आ सकते हैं? यह सवाल इसलिए उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद में रेल राज्य मंत्री राव साहब दानवे को भावी साथी कह दिया है. दो दिनों पहले महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील भी ऐसे ही कुछ संकेत दे चुके हैं, ऐसे में सवाल यह है कि क्या पुराने साथियों के बीच वाकई में कोई खिचड़ी पक रही है ?
इस बयान के बाद उठी चर्चाओं को राव साहब दानवे ने भी हवा देने का काम किया. दानवे ने कहा कि सीएम ठाकरे ने उन्हें उस तरफ आ रहे अनुभवों के आधार पर ऐसा बयान दिया होगा. वैसे शिवसेना और बीजेपी हमेशा से समविचारी पार्टियां रही है. राजनीति में कुछ भी हो सकता है.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़णवीस ने भी इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. फड़णवीस ने कहा कि बीजेपी एक सक्षम विपक्ष का काम कर रही है. वैसे भी जो गठबंधन महाराष्ट्र में हुआ है वह अनैसर्गिक है. ऐसे गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चलते और शायद मुख्यमंत्री को यह बात ध्यान में आ गई होगी, इसलिए उन्होंने अपने मन की बात कही हो.
लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर दोनों पार्टी साथ आती है तो महाराष्ट्र का सीएम पद किसके पास रहेगा. जहा दोनों पार्टियों की राह अलग ही सीएम पद की वजह से हुई थी, क्या शिवसेना सीएम पद छोड़ेगी ये बड़ा सवाल है क्योंकि बीजेपी विधानसभा में 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है.
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Published: 17 Sep 2021,02:55 PM IST