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महाराष्ट्र: आदित्य ठाकरे की ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ 18 जुलाई से

आदित्य ठाकरे जन आशीर्वाद यात्रा 18 जुलाई से जलगांव से शुरू करने जा रहे हैं

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पॉलिटिक्स
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आदित्य ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा 
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आदित्य ठाकरे को चुनावी मैदान में उतारने की चर्चा 
(फोटो:PTI)

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महाराष्ट्र में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. सीएम देवेंद्र फडणवीस के विकास यात्रा के ऐलान के बाद, शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे भी जन आशीर्वाद यात्रा पर निकलने की तैयारी में हैं.

महाराष्‍ट्र में आदित्य ठाकरे अपनी जन आशीर्वाद यात्रा 18 जुलाई से जलगांव से शुरू करने जा रहे हैं. ये यात्रा 6 फेज में होगी. शिवसेना का दावा है कि इस यात्रा के जरिए आदित्य ठाकरे करीब 4 हजार किलोमीटर का सफर तय करेंगे.

क्‍विंट हिंदी को ये खास जानकारी युवा सेना सचिव वरुण सरदेसाई ने दी है.

इस सियासी यात्रा के कई मतलब निकाले जा रहे हैं. बता दें कि इस साल के आखिर में महाराष्ट्र में चुनाव होने वाले हैं.

पीके के मार्गदर्शन में यात्रा

युवा सेना नेताओं की ओर से ट्विटर पर इस यात्रा को लेकर प्रमोशन शुरू हो गया है. पोस्टर में मराठी में लिखा गया है, ''जिन्होंने वोट दिया उनका आभार जताने के लिए और जिन्होंने नहीं दिया, उनके दिल जीतने के लिए जल्द जन आशीर्वाद यात्रा पर आदित्य ठाकरे जा रहे हैं.''

खबर ये भी है कि प्रशांत किशोर जो फिलहाल शिवसेना को चुनावी टिप्स दे रहे हैं, वही जगनमोहन रेड्डी की तर्ज पर आदित्य ठाकरे की चुनाव पूर्व यात्रा का प्लान तैयार कर रहे हैं. बता दें कि आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत के डायरेक्शन पर जगनमोहन रेड्डी ने हजारों किलोमीटर की जनयात्रा की थी.

CM फडणवीस निकाल रहे हैं विकास यात्रा

सीएम फडणवीस अगस्त महीने में अपनी विकास यात्रा निकाल रहे हैं. इसके लिए 'फिर एक बार शिवशाही सरकार' और 'अबकी बार 220 के पार' जैसे नारों का इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि इस बात का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है कि यात्रा की शुरुआत कहां से होगी.

ऐतिहासिक तौर पर शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन में राज्य में हमेशा शिवसेना बड़े साझेदार के रूप में रहती थी. 2014 के चुनाव के पहले दोनों पार्टियों में खींचतान आ गई और दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़े.

2014 के विधानसभा चुनावी नतीजों में बीजेपी को 124, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और एनसीपी को सिर्फ 41 सीटें मिली थीं. बीजेपी बहुमत से 21 सीटें पीछे रह गई थी. शिवसेना ने फिर बीजेपी के साथ गठबंधन बनाया और देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने थे.

शिवसेना और बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए खींचतान

शिवसेना महाराष्ट्र में अपनी जमीन को दोबारा मजबूत करना चाह रही है. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को पार्टी धीरे-धीरे मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी बता रही है. इस सिलसिले में पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक आर्टिकल भी लिखा गया था.

आर्टिकल में दावा किया गया था कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना से होगा. बता दें 2019 के लोकसभा चुनावों के पहले भी सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों में खींचतान हुई थी और टिकट बंटवारे में देर हो गई थी.

पढ़ें ये भी: ‘राउडी रोल’ से बाहर नहीं आ रहे नेता,अब शिवसेना पार्षद ने की मारपीट

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Published: 06 Jul 2019,03:18 PM IST

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