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तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मंगलवार को दिल्ली में कई बड़े नेताओं से मुलाकात की. इस मुलाकात का जोर 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर देने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों के 'संघीय मोर्चे' पर था. ऐसे में ममता ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और टीडीपी, एसपी, आरजेडी, बीजेपी, एनसी के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी शिवसेना के नेताओं से भी मुलाकात की. ममता की ये बैठक करीब एक घंटे चली.
सूत्रों के मुताबिक, संसद भवन में हुई मुलाकात में पवार ने ममता को कहा कि महाराष्ट्र की पॉलिटिक्स के मद्देनजर कांग्रेस उनके लिए अहम है. पवार ने ममता को समझाने की कोशिश की कि उन्हें भी कांग्रेस के साथ वाला फ्रंट ज्वाइन करना चाहिए. लेकिन ममता ने कहा कि कांग्रेस के साथ उसका पुराना तजुर्बा खराब रहा है और वो गैर कांग्रेसी 'संघीय मोर्चा' ही चाहती हैं.
पवार अकेले ऐसे नेता है जो दोनों खेमों में पकड़ रखते हैं. वो मानते हैं कि गैरकांग्रेसी-गैरबीजेपी फ्रंट के चक्कर में विपक्षी एकता बिखरेगी. लिहाजा वो अपनी हर कोशिश कर रहे हैं.
एनसीपी नेता प्रफुल पटेल ने इस बैठक के बारे में बताया कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि बीजेपी से निपटने के लिए विपक्षी दलों के बीच 'ज्यादा से ज्यादा एकता' होनी चाहिए. उन्होंने कहा ‘आने वाले महीनों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए स्थिति बनेगी. इस बारे में कई तरह के विचार हैं कि किस तरह की पहल की जानी चाहिए.' उन्होंने बताया ‘‘बहरहाल, नेताओं ने इस बात पर विचार किया कि विपक्षी एकता की संभावना ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए क्योंकि उत्तर प्रदेश में हमने ये देखा है जहां बीएसपी और एसपी ने मिलजुलकर काम शुरू किया. अहम बात ये है कि विपक्षी दलों के बीच राजनीतिक मतभेद दूर किए जाने चाहिए.''
हाल ही में तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने संघीय मोर्चे की वकालत की थी. उनको ममता बनर्जी, असद्दुदीन ओवैसी जैसे नेताओं का समर्थन भी मिला था. उत्साहित राव ने कोलकाता पहुंचकर ममता बनर्जी से मुलाकात भी की थी. अब राव ने इसी बीच कहा है कि उन्होंने जिस मोर्चे की वकालत की थी उसका नाम ‘पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया' होगा.
एनडीए सरकार पर आरोपों की बरसात करते हुए ममता ने कहा कि नोटबंदी और बैंक धोखाधड़ी जैसे मुद्दों ने जमीनी स्तर पर लोगों को प्रभावित किया है. ममता ने कहा अब समय आ गया है कि बीजेपी ‘बोरिया बिस्तर समेटे'. ममता ने कहा ‘‘सभी विपक्षी दलों को मिल कर काम करना चाहिए. बीजेपी के खिलाफ लड़ाई आमने सामने की होनी चाहिए. सभी विपक्षी दलों को चाहिए कि वो राज्यों में बीजेपी के खिलाफ एक दूसरे को मजबूत करने में मदद करें.'' विपक्षी एकता के मुद्दे पर ममता ने उत्तर प्रदेश में एसपी और मायावती नीत बीएसपी के गठबंधन का उदाहरण देते हुए इसकी सराहना की. उन्होंने कहा कि गठबंधन की मदद करने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ आना चाहिए.
ममता बनर्जी बुधवार को बीजेपी के बागी नेताओं, शत्रुघ्न सिन्हा, यशवन्त सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण शौरी से भी मुलाकात करेंगी. ममता हालांकि कांग्रेस के बिना संघीय मोर्चा बनाने के पक्ष में बताई जाती हैं लेकिन उन्होंने ये भी कहा है कि वह राहुल गांधी के संपर्क में हैं. तृणमूल नेताओं ने कहा कि वो सोनिया गांधी से मिलने की योजना बना रही हैं. एक सवाल के जवाब में ममता ने बताया कि उनका, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मैसेज का लेनदेन होता रहता है.
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