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ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने जैसे ही पश्चिम बंगाल से राजधानी दिल्ली में कदम रखा है उनके तेवर तीखे होते जा रहे हैं. उनके बयानों और नेताओं के साथ मुलाकातों से ये साफ दिख रहा है कि वो 2024 की तैयारियों में अभी से जुट गई हैं. अब ममता ने दिल्ली में ये खुला ऐलान भी कर दिया है कि पूरे देश में खेल होगा. उन्होंने कहा कि अब पूरे देश में खेला होबे... इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा हालात इमरजेंसी से भी गंभीर हैं. विपक्षी दलों के मोर्चे को लेकर भी उन्होंने एक बार फिर जवाब दिया.
ममता बनर्जी ने दिल्ली आकर बीजेपी की केंद्र सरकार को ये बता दिया है कि वो अब राज्य से निकलकर राष्ट्रीय की राजनीति की तरफ देख रही हैं. उन्होंने विपक्षी दलों को एकजुट करने का काम भी शुरू कर दिया है. ममता के तेवर बता रहे हैं कि वो विपक्षी दलों के मोर्चे को लीड करने जा रही हैं, लेकिन जब उनसे इसे लेकर सवाल किया गया तो ममता ने जवाब में कहा,
सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए उन्होंने 2024 के लिए भी मैसेज दे दिया. ममता ने कहा कि, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी पॉपुलर थे. लेकिन आज उनके पास मौतों के आंकड़े नहीं हैं, अंतिम संस्कार करने की जगह लाशों को गंगा में फेंका गया.
ममता बनर्जी केंद्र सरकार को पेगासस जासूसी मामले को लेकर लगातार घेर रही हैं. अब उन्होंने एक बार फिर दिल्ली में ये दोहराया है कि उनके फोन को भी टैप किया गया. उन्होंने कहा कि अगर अभिषेक का फोन टैप किया गया तो मैं उनसे बात करती हूं, इसका मतलब खुद ब खुद मेरा फोन भी टैप हो गया. पेगासस ने सभी की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है. विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है, ये इमरजेंसी से भी खतरनाक हालात हैं. इससे पहले ममता बनर्जी ने जब प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी तो उसके ठीक बाद उन्होंने बताया कि, पेगासस मामले को लेकर पीएम मोदी को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और इसकी सुप्रीम कोर्ट से जांच करवाई जानी चाहिए.
ममता बनर्जी ने बुधवार 28 जुलाई को अपने एक बयान से ये साफ कर दिया कि वो बीजेपी के खिलाफ हवा बनाने के मूड में हैं. फिर चाहे वो कोरोना प्रबंधन को लेकर हो या फिर लोकतंत्र को बचाने वाले उनके नारे को लेकर...
तो कुल मिलाकर ममता बनर्जी को दिल्ली में आए अभी दो ही दिन हुए हैं और पूरे नेशनल मीडिया में उनकी ही चर्चा है. विपक्षी नेताओं से उनकी मुलाकातों, 2024 के लिए उनके एजेंडे और बीजेपी सरकार के खिलाफ उनकी तीखी बयानबाजी की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा है. ऐसे में तमाम राजनीतिक विशेषज्ञों का भी ये मानना है कि ममता ने सुस्त पड़े विपक्ष को जगाने की शुरुआत कर दी है और हो सकता है कि आने वाले आम चुनावों में ममता के हाथों में ही विपक्षी दलों का झंडा हो.
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