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मध्यप्रदेश में एनकाउंटर में मारे गए सिमी के कथित सदस्यों को लेकर राजनीतिक गलियारों में आरोपों का दौर तो चल ही रहा था, अब इस चर्चा में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कूद गयी हैं. ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा है कि "हम इस तथाकथित मुठभेड़ की थ्योरी से सहमत नहीं, लोगों के मन में कई ऐसे सवाल उठ रहें हैं जिसका जवाब नहीं है."
ममता बनर्जी यही नहीं रुकी उन्होंने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि "यह सब राजनीतिक बदले की भावना के नाम पर किया जा रहा है. ऐसे मुद्दे मुझे देश के एकता और अखंडता के बारे में चिंतित करती है.
इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पहले ही ट्विटर के जरिए हमला बोल चुके थे लेकिन उन्हें फिर बोलने का मौका मिल गया और ममता बनर्जी ने ट्वीट के जवाब में लिखा कि इस दीदी इस मामले की ईमानदार और स्वतंत्र जांच होनी चाहिए.
ममता से पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी इस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग कर चुकी हैं. मध्यप्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए माया ने कहा था कि प्रदेश सरकार पुलिस का इस्तेमाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडा को पूरा करने के लिए कर रही है.
अपने बयान में मायावाती ने कहा कि सिमी के कथित सदस्य बिना किसी हथियार के थे, उन्हें आसानी से गिरफ्तार किया जा सकता था. लेकिन पुलिस ने ऐसा नहीं किया.
31 अक्टूबर को सिमी के कथित सदस्य भोपाल जेल से फरार हुए थे जिन्हें भागने के कुछ ही देर बाद पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था.
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