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मणिपुर की 'लेडी सिंघम' वृंदा थौनाओजम कौन हैं? जो BJP के खिलाफ लड़ रही हैं चुनाव

वृुंदा थौनाओजम की मणिपुर के मुख्यमंत्री के साथ भी हुई थी तकरार

क्विंट हिंदी
पॉलिटिक्स
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<div class="paragraphs"><p>मणिपुर की 'लेडी सिंघम' वृुंदा थौनाओजम कौन हैं? जो BJP के खिलाफ लड़ रही हैं चुनाव</p></div>
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मणिपुर की 'लेडी सिंघम' वृुंदा थौनाओजम कौन हैं? जो BJP के खिलाफ लड़ रही हैं चुनाव

(फोटो- अल्टर्ड बाई क्विंट हिन्दी)

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मणिपुर विधानसभा चुनाव (Manipur Assembly Election) में यास्कुल विधानसभा सीट की इस बार काफी चर्चा है. जिसकी वजह है इस सीट से जेडीयू की उम्मीदवार वृंदा थौनाओजम जिन्हें लोग लेडी सिंघम भी कह रहे हैं. बृंदा आईपीएस अधिकारी रह चुकी हैं उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री की है.

कौन हैं वृंदा थौनाओजम?

43 साल की वृंदा थौनाओजम अपनी तेज तर्रार इमेज के लिए जानी जाती हैं. बृंदा उस वक्त सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने एक ड्रग रैकेट का पर्दाफाश किया था. उन्हें वीरता के लिए सम्मानित भी किया था. वृंदा के बारे में कहा जाता है कि वो किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आतीं और अक्सर उनका सत्ता के साथ टकराव होता रहता है.

ड्रग्स तस्करी केस को लेकर ऐसा कहा जाता है कि उसमें कई पॉवरफुल लोगों के नाम भी सामने आए थे, वृंदा के ऊपर उन्हें छोड़ने का राजनीतिक दबाव भी डाला गया, लेकिन वो झुकी नहीं. यहां तक कि वृंदा ने अपना वीरता पुरस्कार भी लौटा दिया, जब अभियुक्त कोर्ट से रिहा कर दिए गए.

वृंदा ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह पर ही आरोप लगाया था कि आरोपियों के पक्ष में सीएम की तरफ से हस्तक्षेप किया जा रहा है.

थौनाओजम बृंदा के ससुर ने राज्य के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसको लेकर भी वो अक्सर विवादों में रहीं. उनके पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और तीन बच्चों की मां हैं.

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बीजेपी के खिलाफ लड़ रही हैं थौनाओजम

वृंदा जेडीयू के टिकट पर बीजेपी के मौजूदा विधायक और मणिपुर के वर्तमान कानून मंत्री थोकचोम सत्यब्रत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. बता दें कि जेडीयू मणिपुर में अकेले चुनाव लड़ रही है. बृंदा कहती हैं कि उनका राजनीति में आने का मकसद मणिपुर को नशे से मुक्ति दिलाना हैं. सोशल मीडिया पर बृंदा की बड़ी 'फैन फॉलोइंग' है. वो अक्सर अपनी तस्वीरें शेयर करती रहती हैं.

मणिपुर की राजनीति में महिलाओं की हिस्सेदारी हमेशा से कम रही है, वृंदा के चुनावी मैदान में उतरने से इसलिए भी वो चर्चा है, वो दावा कर रही हैं कि पुरुष प्रधान राजनीति" के ट्रेंड को बदल देंगी.

खास बात है कि मणिपुर में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है, राज्य के राजनीतिक मामलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व ना के बराबर है. पिछले कई चुनावों की तरह, इस बार मणिपुर में 10,49,639 महिला मतदाताओं की संख्या 9,85,119 पुरुष मतदाताओं से अधिक रही.

मणिपुर की 60 सीटों वाली विधानसभा के लिए दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को मतदान है, चुनाव के नतीजे 10 मार्च का आएंगें.

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