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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 15 जून को गलवान वैली में चीनी सैनिकों से भारतीय सेना की हुई झड़प पर बयान दिया है. उस झड़प में शहीद हुए 20 जवानों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रद्धाजंलि दी हैं और साथ ही केंद्र सरकार को नसीहत भी दी है.
मनमोहन सिंह ने आगे कहा है- ‘आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय और सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आंकलन कैसे करें. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है. हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है. प्रधानमंत्री को अपने शब्दों और ऐलानों से देश की सुरक्षा सामरिक और भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.
मनमोहन सिंह ने कहा है कि ‘हम सरकार को आगाह करेंगे कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति का मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता, पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता.
केंद्र सरकार को आगाह करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा- हम प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू और हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ और ‘भूभागीय अखंडता’ के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. इससे कुछ भी कम जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.
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Published: 22 Jun 2020,09:24 AM IST