Home News Politics क्या कहते हैं वो आंकड़े,जिनके आधार पर मराठों को मिला आरक्षण
क्या कहते हैं वो आंकड़े,जिनके आधार पर मराठों को मिला आरक्षण
महाराष्ट्र में SEBC के लिए अलग श्रेणी बनाई जाएगी
रौनक कुकड़े
पॉलिटिक्स
Updated:
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महाराष्ट्र में SEBC (सोशली एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्लास) के लिए अलग श्रेणी बनाई जाएगी
(फोटो: पीटीआई)
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महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाला बिल गुरुवार को महाराष्ट्र विधानसभा और विधान परिषद, दोनों सदनों से सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है. बिल को वैधानिक मंजूरी मिलने के बाद मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. अभी महाराष्ट्र में 52 फीसदी आरक्षण है और इसे जोड़कर ये आंकड़ा 68 फीसदी हो जाएगा. पर बड़ा सवाल ये है कि क्या मराठा आरक्षण कानून की कसौटी पर खरा उतर सकेगा?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने विधानसभा में जो विधेयक रखा, उसमें सरकार ने इस बात का जिक्र किया है कि असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में पहले से मौजूद 52% से अलग 16% आरक्षण दिया जाएगा.
सब कैटेगरी के तहत मिलेगा आरक्षण
महाराष्ट्र में SEBC (सोशली एंड एजुकेशनली बैकवर्ड क्लास) के लिए अलग श्रेणी बनाई जाएगी और उसके तहत मराठा समाज को आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है.
(फोटो: पीटीआई)
पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट की 8 बड़ी बातें:
महाराष्ट्र में 76.86 फीसदी मराठा परिवार खेती और खेत-मजदूरी से जुड़े हैं
करीब 6 फीसदी मराठा समाज के लोग सरकारी या सेमी गवर्न्मेंट में काम करते हैं
70% मराठा परिवार कच्चे घर में रह रहे हैं
31.79% मराठा परिवार घर का खाना पकाने के लिए ईंधन के तौर पर लकड़ी का इस्तेमाल करते हैं
2013-2018 के बीच महाराष्ट्र में कुल 13,368 किसानों ने आत्महत्या की. इनमें से 2152 किसान मराठा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो करीब 23.53% है
अलग-अलग प्रकार के पिछड़ेपन के आकलन के बाद ये बात सामने आई है कि मराठा समुदाय के 73% लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक तौर पर पिछड़े हैं
आयोग ने मराठा समुदाय के शैक्षिक दर्जे को अपनी रिपोर्ट में 25 में से 8 पॉइंट दिए हैं. जो कि सामान्य से नीचे है
मराठा समुदाय के 93% लोगों की वार्षिक आय एक लाख रुपये है. ये आय मध्यमवर्गीय परिवार की औसत आय से कम है
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2014 में भी NCP-कांग्रेस सरकार ने भी मराठाओं को आरक्षण दिया था, लेकिन उस पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी(फोटो: पीटीआई)
क्या हाईकोर्ट में टिक सकेगा फडणवीस सरकार का 'मराठा आरक्षण'?
महाराष्ट्र सरकार ने मराठा समुदाय को 16% आरक्षण देने का फैसला लेकर चुनाव से ठीक पहले मराठा समुदाय को खुश कर उन्हें अपने पाले में खींचने की कोशिश की, लेकिन मराठाओं और विपक्ष के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या मराठा आरक्षण हाईकोर्ट में टिक सकेगा?
जैसे ही वैधानिक प्रक्रिया पूरी होगी और राज्य में आरक्षण लागू होगा, कई लोग इसे लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और इसका विरोध भी होगा. 2014 में भी NCP-कांग्रेस सरकार ने भी मराठाओं को आरक्षण दिया था, लेकिन उस पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, 50% से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता. ऐसे में महाराष्ट्र सरकार का 'असाधारण परिस्थिति' का हवाला कोर्ट में टिक सकेगा या नहीं, ये देखना महत्वपूर्ण होगा.