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राजधानी दिल्ली में 23 अप्रैल को एमसीडी चुनाव है. बीजेपी, कांग्रेस, AAP समेत सभी पार्टियां जोर-शोर से प्रचार में जुटी हुई हैं. ऐसे में यह जानने की जरूरत है कि दिल्ली के लोगों के लिए इस चुनाव के क्या मायने हैं.
सबसे पहले आपको बताते हैं कि दिल्ली में नगर निगम की संरचना क्या है? राजधानी दिल्ली में कुल 3 नगर निगम हैं.
इन तीनों में से एमसीडी के चुनाव 23 अप्रैल को हैं. साल 2012 में एमसीडी को तीन हिस्सों में बांट दिया गया.
कुल मिलाकर एमसीडी में 272 वॉर्ड हैं, जिन पर चुनाव होने हैं. दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में से 68 एमसीडी में आते हैं. जिला स्तर पर बात करें तो 11 जिलों में से 8 जिले एमसीडी के अंदर आते हैं. एमसीडी के अंदर दिल्ली की 1 करोड़ से ज्यादा आबादी आती है. इस लिहाज से एमसीडी दुनिया की सबसे बड़ी नगरनिगम में से एक हैं.
दिल्ली एमसीडी पर पिछले 10 सालों से बीजेपी काबिज है. साल 2012 के चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच था. चुनावों में बीजेपी को भारी बहुमत मिला था. .
इस बार के चुनावों में आम आदमी पार्टी और स्वराज पार्टी के आ जाने के बाद मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है. बता दें कि 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था. इस लिहाज से आम आदमी पार्टी पर प्रदर्शन दोहराने का दबाव है. वहीं बीजेपी पर अपने गढ़ एमसीडी को बचाए रखने की चुनौती.
साल 2016-17 के लिए MCD के तीनों म्युनिसिपल कॉरपोरेशन का कुल बजट 3,292.71 करोड़ रुपए प्रस्तावित हैं. इसमें 1379.73 करोड़ NDMC, 1212.74 करोड़ SDMC और 700.44 करोड़ EDMC के लिए प्रस्तावित है.
दिल्ली में एमसीडी और सरकार के बीच अधिकार क्षेत्र और काम के बंटवारे को लेकर विवाद देखने को मिलते हैं. ऐसे में जानना जरूरी है कि कौन-कौन से काम दिल्ली एमसीडी के अंदर आते हैं.
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