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बिहार में सरकार गठन में बस कुछ घंटे बाकी हैं और सबकी नजरें टिकी हैं आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के उपर. सबसे बड़ा सवाल ये है कि उनके बेटे और बेटियों में से कौन बिहार सरकार में अहम ओहदे पर बैठेगा?
आरजेडी के सूत्र हमें बताते हैं कि तेज प्रताप यादव और उनके छोटे भाई तेजस्वी की नजर बिहार मंत्रिमंडल पर है. सूत्रों के मुताबिक लालू किसी एक बेटे को मंत्री बनाने के पक्ष में नहीं हैं, दोनों बेटों का मंत्री बनाना तय है, हो सकता है कि राज्य मंत्री का पद या फिर स्वतंत्र प्रभार किसी एक बेटे को मिले.
लेकिन सूत्रों के मुताबिक लालू की दुलारी और सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती को ही लालू के उत्तारधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है.
फिलहाल तो यही लग रहा है कि लालू अपने बेटों को किनारा कर बेटी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करेंगे क्योंकि मीसा ने चुनाव नहीं लड़ा है. मीसा को पार्टी में बड़े रोल के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है.
लालू के दोनों बेटे तेजस्वी और तेज ने बिहार की राजनीति में धमाकेदार एंट्री मारी है. तेजस्वी राघोपुर से 22, 733 वोटों से जीते तो वहीं तेज प्रताप ने महुआ से 28,155 वोटों से जीत दर्ज की है. परिवार के करीबी क्विंट को बताते हैं कि पहली बार विधायक बने तेज और तेजस्वी अपनी बहन मीसा के मुकाबले राजनीति में अभी कच्चे हैं.
2014 लोकसभा चुनाव में हारने के बाद मीसा को 2015 विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया. लेकिन 2015 चुनाव में मीसा भारती ही परिवार और पार्टी की कर्ता- धर्ता थीं. अपने परिवार की खोई राजनीतिक साख को वापस लाने में मीसा की ही रणनीति काम आई.
तेज प्रताप मां राबड़ी के करीबी कहलाते हैं तो वहीं तेजस्वी को लालू का लाडला माना जाता है ऐसे में मीसा भारती ही परिवार के मुश्किल दौर में उनके साथ खड़ी रहीं.
क्विंट के साथ बातचीत में मीसा ने कहा कि अगर पार्टी की जिम्मेदारी उन्हें मिलती है तो वो इसके लिए तैयार हैं.
पेशे से डॉक्टर मीसा काफी पढ़ती भी हैं. फिल्मों का भी शौक है और खाना भी लजीज बनाती हैं. पटना के 10 सर्कुलर रोड वाले आवास में मीसा का एक बड़ा- सा किचन गार्डन है. मीसा की दो बेटियां हैं दुर्गा और गौरी, 1999 में दिल्ली के कारोबारी शैलेश कुमार से मीसा की शादी हुई थी और शादी से पहले मीसा और शैलेश एक दूसरे से मिले भी नहीं थे. मीसा कहती हैं उन्हें अपने पिता के फैसलों पर भरोसा है.
2015 बिहार चुनाव में मीसा भारती ने 40 से ज्यादा इलाकों में चुनाव प्रचार किया. मीसा खुद मानती हैं कि उनका फोकस तेजस्वी और तेज प्रताप के विधानसभा क्षेत्र पर था, लेकिन उन्होंने कांग्रेस और जेडीयू के गढ़ में भी प्रचार किया है.
यादव परिवार के एक वरिष्ठ राजनीतिक सलाहकार कहते हैं कि जिस तरह से बिहार में महिलाओं ने बढ़चढ़ कर मतदान किया है और बतौर महिला नेता मीसा की जनता पर पकड़ की वजह उन्हें पार्टी और सरकार मे बड़ा और अहम रोल निभाने का मौका मिलना चाहिए.
लेकिन चुनाव के बाद , आरजेडी के सूत्र बताते हैं कि भाईयों के बीच तनाव बढ़ रहा है और अगर किसी एक को मंत्री पद नहीं मिला या फिर उनकी जगह मीसा को सरकार में शामिल किया गया तो परिवार में किच-किच तय है. लेकिन मीसा कहती हैं कि भाईयों और बहनों के बीच तनाव का तो सवाल ही नहीं उठता.
लालू परिवार के करीबी मित्र बताते हैं कि लालू यादव पर पुत्रमोह थोड़ा हावी है इसिलए तो उन्होंने बिहार चुनाव में दोनों बेटों का जमकर प्रचार किया. लेकिन राजनीतिक जानकार कहते हैं कि लालू एक चतुर राजनीतिज्ञ हैं और अगर राष्ट्रीय राजनीति में उन्हें बड़ा रोल निभाना है तो वो मीसा को पार्टी की कमान सौंप सकते हैं.
सूत्र बताते हैं कि लालू अपने सालों साधु और सुभाष यादव वाली गलती नहीं दोहराना चाहते. हो सकता है कि वो मीसा को सही समय पर जिम्मेदारी सौंप दें.
आरजेडी की सहयोगी पार्टियां भी मीसा की अहमियत को समझती हैं. जदयू से मीसा को समर्थन प्राप्त है.
जेडीयू के सूत्र बताते हैं कि अगर लालू को राष्ट्रीय राजनीति में जाना है तो मीसा को अपना उत्तराधिकारी बनाना ही होगा. सहयोगी पार्टियों के बारे में मीसा कहती हैं,
1999 में मीसा ने शैलेश से शादी की. शादी से पहले ये दोनों एक दूसरे से मिले भी नहीं थे.
आरजेडी के चुनाव प्रचार में सिर्फ मीसा ने ही नहीं उनके पति ने भी अहम रोल निभाया है. पेशे से इंजीनियर शैलेश ने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के 10 युवाओं की टीम बनाई और पार्टी के लिए सोशल मीडिय कैंपेन को मैनेज किया. पटना में लालू के घर पर शैलेश ने आईटी और टेक्निकल रूम भी बनाया.
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Published: 18 Nov 2015,11:19 AM IST