मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Politics Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019आरक्षण, SSR केस से मेट्रो प्रोजेक्ट: ठाकरे सरकार और कोर्ट के झटके 

आरक्षण, SSR केस से मेट्रो प्रोजेक्ट: ठाकरे सरकार और कोर्ट के झटके 

ये पहला वाकया नहीं है जब ठाकरे सरकार के किसी फैसले या कदम पर कोर्ट ने रोक लगाई है.

ऋत्विक भालेकर
पॉलिटिक्स
Published:
आरक्षण, SSR केस से मेट्रो प्रोजेक्ट, ठाकरे सरकार और कोर्ट के झटके
i
आरक्षण, SSR केस से मेट्रो प्रोजेक्ट, ठाकरे सरकार और कोर्ट के झटके
(फोटो: PTI)

advertisement

मुंबई मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. कांजूरमार्ग में मेट्रो कार शेड प्रोजेक्ट पर कोर्ट ने MMRDA से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा है. इस प्रोजेक्ट को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे खुद खासा सक्रिय नजर आ रहे थे, ऐसे में कोर्ट का आदेश महाराष्ट्र सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं. कांजूरमार्ग में 102 एकड़ विवादित साल्ट पैन की जमीन पर केंद्र सरकार समेत और दो पक्षों का दावा है. बावजूद इसके मुंबई सबर्बन कलेक्टर ने अक्टूबर में ये जमीन MMRDA को ट्रांसफर कर दी थी, अब कोर्ट ने MMRDA को आदेश दिया है.

मुख्यमंत्री ठाकरे को कोर्ट से मिले हैं कई झटके

ये पहला वाकया नहीं है जब ठाकरे सरकार के किसी फैसले या कदम पर कोर्ट ने रोक लगाई है. खुद 'लॉ एंड ज्यूडिशियरी' विभाग संभाल रहे उद्धव ठाकरे की सरकार को सुशांत सिंह राजपूत, कंगना रनौत, अर्नब गोस्वामी से जुड़े कुछ केस में ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा है.

ऐसी ही मामलों में नजर डालते हैं-

सुशांत सिंह राजपूत केस

सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले की जांच के अधिकार पर महाराष्ट्र में सियासत गरमा गई थी. मुंबई पुलिस पर सुशांत सिंह राजपूत के परिवार की तरफ से आरोप लगाए गए थे. फिर सुशांत के परिवार ने पटना पुलिस स्टेशन में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. जिसे रिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. बाद में केंद्रीय एजेंसियां सीबीआई, ईडी और नारकोटिक्स ब्यूरो भी इस जांच में आ गईं थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के गृह विभाग को फटकार लगाते हुए इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला दिया था.

मराठा आरक्षण

फडणवीस सरकार के कार्यकाल में दिए गए मराठा आरक्षण पर ठाकरे सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी मंजूरी को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया था. विपक्ष का आरोप है कि ठाकरे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सरकार की भूमिका गंभीरता से नही रखी. जिसकी वजह से मराठा समुदाय के युवाओं को शिक्षा और नौकरी में मिले आरक्षण से वंचित रहना पड़ा.

कंगना रनौत के ऑफिस का केस

सुशांत सिंह राजपूत मामले में एक वक्त ऐसा आया था कि 'कंगना Vs महाराष्ट्र सरकार' जैसी पिक्चर बनने लगी थी. कंगना को विपक्ष का अघोषित समर्थन भी मिलता दिख रहा था और वो ताबड़तोड़ तरीके से ठाकरे सरकार पर हमलावर थीं. इस बीच कंगना रनौत के मुंबई स्थित ऑफिस पर अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गई. बीएमसी की एक टीम ने कंगना के पाली हिल वाले ऑफिस पहुंचकर कार्रवाई की. कंगना ने इस कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में 2 करोड़ के नुकसान की अपील दर्ज की. इस मामले में कोर्ट ने बीएमसी को फटकार लगाते हुए कंगना को मुआवजा देने के निर्देश दिए.

हालांकि,मामला बीएमसी का था लेकिन बीएमसी में भी शिवसेना है और उसके चीफ हैं उद्धव ठाकरे.

अर्णब गोस्वामी केस

रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ की गिरफ्तारी सुर्खियों में रही. आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में उन्हें मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अर्णब गोस्वामी की तरफ से अपील हुई और कोर्ट ने इसे गलत ठहराया. इस मामले में तो सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाई कोर्ट को फटकार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि न्यायपालिका को सुनिश्चित करना चाहिए आपराधिक कानून चुनिंदा नागरिकों के उत्पीड़न का हथियार ना बने. इसके बाद अर्णब को जमानत मिल गई.

फडणवीस ने भी किया था कटाक्ष

कोर्ट के ऐसे आदेशों पर हाल ही में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस कटाक्ष भी किया था. ठाकरे सरकार के एक साल पूरा होने के मौके पर उन्होंने कहा था कि कोर्ट की लगाई गई फटकार से ही राज्य सरकार के कामकाज का मूल्यांकन किया जा सकता है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT