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मोदी सरकार 2.0 में एक ऐसा फैसला लिया गया है जो विवाद खड़ा कर सकता है. दरअसल मानव संसाधन विकास (HRD) मिनिस्ट्री ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सोशल मीडिया को लेकर कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें कहा गया है कि इंस्टीट्यूट्स ‘सभी स्टूडेंट्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स (इंस्टाग्राम, ट्विटर और फेसबुक) को इंस्टीट्यूट्स और HRD मिनिस्ट्री के सोशल मीडिया अकाउंट्स के साथ जोड़ें.’
सरकार के इस कदम को लेकर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच यह चर्चा शुरू हो गई है कि क्या सरकार अब स्टूडेंट्स की सोशल मीडिया गतिविधियों पर निगरानी रखेगी?
इस मामले पर जेएनयू की प्रोफेसर आएशा किदवई ने क्विंट से कहा, ‘‘ये काफी हास्यास्पद है और इससे साफ पता चलता है कि सरकार अब छात्रों की निजी जिंदगी में तांक झांक करने की कोशिश कर रही है.’’
क्विंट को HRD मिनिस्ट्री के उस लेटर की कॉपी मिली है, जिसमें दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
लेटर में सभी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस के लिए कुछ दिशानिर्देश हैं. इसमें लिखा है कि ये तय किया गया था कि सभी संस्थान ऐसे लोगों को चुनेंगे जो सोशल मीडिया चैम्पियंस कहलाएंगे. इन सोशल मीडिया चैम्पियंस का काम होगा की ये सभी यूनिवर्सिटी की पॉजिटिव बातों का प्रचार करेंगे. ये लोग फैकल्टी या नॉन फैकल्टी में से हो सकते हैं. इन सोशल मीडिया चैम्पियंस को करना क्या होगा, इसके लिए कुल 5 प्वाइंट लिखे गए हैं.
सभी इंस्टीट्यूट्स को उनके सोशल मीडिया चैम्पियन की जानकारी देने के लिए 31 जुलाई 2019 तक का समय दिया गया है. इसमें नाम, पद, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और ट्विटर अकाउंट का लिंक शामिल है.
क्विंट: स्टूडेंट्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स को HRD मिनिस्ट्री के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ने का मकसद क्या है?
HRD मिनिस्ट्री: यह अच्छे कामों को साझा करने और श्रेष्ठ प्रदर्शनों के जरिए एक दूसरे को प्रेरित करने के लिए है.
क्विंट: अगर स्टूडेंट्स अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को कॉलेज या HRD मिनिस्ट्री के सोशल मीडिया अकाउंट्स से जोड़ने से इनकार कर दें, तो ऐसे में सरकार की क्या योजना है? क्या ऐसे स्टूडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी?
HRD मिनिस्ट्री: यह अनिवार्य नहीं है. अगर वे (स्टूडेंट्स) चाहें तो उन्हें (अपने अकाउंट्स की) जानकारी देने की जरूरत नहीं है.
क्विंट: इस बात की क्या गारंटी है कि इस कदम से सरकार (स्टूडेंट्स की) निगरानी नहीं करेगी?
HRD मिनिस्ट्री: यह महज अच्छी खबरों को साझा करने के लिए है. कोई भी जो यह समझता है कि सोशल मीडिया किस तरह से काम करता है, वो जानता है कि ट्विटर हैंडल की जानकारी देने भर से अकाउंट्स को एक्सेस नहीं किया जा सकता.
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Published: 08 Jul 2019,09:01 PM IST