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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के चीफ मोहन भगवत (Mohan Bhagwat) ने विजयादशमी पर्व और आरएसएस के 96वें स्थापना दिवस के मौके पर नागपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने स्वाधीनता का 75वां वर्ष, भारत-पाकिस्तान का बंटवारा, जनसंख्या बढ़ोतरी से लेकर सनातन हिंदू संस्कृति को लेकर अपनी बात रखी.
मोहन भागवत ने कहा, सनातन हिंदू संस्कृति और उसका उदार हिंदू समाज, जो सभी को स्वीकार करने की क्षमता रखता है, अकेले ही कट्टरपंथ, असहिष्णुता, आतंकवाद, संघर्ष, दुश्मनी और शोषण की भयावह पकड़ से दुनिया का बचा सकता है.
जनसंख्या पर भागवत ने कहा कि 2011 की जनगणना के 0-6 आयु वर्ग के पांथिक आधार पर प्राप्त आंकड़ों से ‘असमान’ सकल प्रजनन दर एवं बाल जनसंख्या अनुपात का संकेत मिलता है. यह इस तथ्य में से भी प्रकट होता है कि साल 1951 से 2011 के बीच जनसंख्या वृद्धि दर में भारी अंतर के कारण देश की जनसंख्या में जहां भारत में उत्पन्न मतपंथों के अनुयायिओं का अनुपात 88 प्रतिशत से घटकर 83.8 प्रतिशत रह गया है, वहीं मुस्लिम जनसंख्या का अनुपात 9.8 प्रतिशत से बढ़ कर 14.23 प्रतिशत हो गया है.
भागवत ने तालिबान के बहाने पाकिस्तान और चीन पर हमला बोला है- उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनना . उनका अपना पूर्वचरित्र, जुनूनी कट्टरता और अत्याचार व इस्लाम के हवाले से दहशतगर्दी - तो अपनेआपमें ही सबको तालिबान के बारे में आशंकित करने के लिये पर्याप्त है. अब तो उनके साथ चीन, पाकिस्तान भी जुड़कर एक अपवित्र गठबंधन बन गया है. अब्दाली के बाद एक बार फिर हमारी सीमा गंभीर चिंता का विषय बन रही है. तालिबान की ओर से कभी शांति की तो कभी काश्मीर की बात होती रही है.
भागवत ने आगे कहा कि यह भी एक सत्य है कि अवैध घुसपैठियें राज्य के नागरिकों के अधिकार हड़प रहे है और इन राज्यों के सीमित संसाधनों पर भारी बोझ बन सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनैतिक और आर्थिक तनावों का कारण बन रहे हैं.
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