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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने मंगलवार, 10 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर थे. उन्होंने शहडोल के ब्यौहारी में एक जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने व्यापम, महाकाल कॉरिडोर, जातिगत गणना का मुद्दा उठाया और इसके साथ ही प्रदेश की बीजेपी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा. जाति जनगणना के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि हम केंद्र सरकार पर दबाव डालें. चलिए आपको बताते हैं राहुल गांधी के भाषण की बड़ी बातें.
लाल कृष्ण आडवाणी ने एक किताब लिखी जिसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी-आरएसएस की मूल प्रयोगशाला गुजरात में नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश में है. राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी की प्रयोगशाला में मरे हुए लोगों का इलाज किया जाता है और उनका पैसा चोरी किया जाता है.
इसके साथ ही राहुल ने महाकाल कॉरिडोर में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसी अन्य प्रदेश में भगवान शिव के नाम पर चोरी नहीं होती, लेकिन मध्य प्रदेश में महाकाल कॉरिडोर में शिव जी के नाम पर चोरी की गई.
बीजेपी की इस प्रयोगशाला में मध्य प्रदेश के भविष्य से, छोटे-छोटे बच्चों के स्कूल ड्रेस और मिड-डे मील के पैसों की चोरी की जाती है.
व्यापम में 1 करोड़ युवाओं का भविष्य बर्बाद हो रहा है, 40 लोग मारे जाते हैं. MBBS की सीटें बिक जाती हैं और रजिस्ट्रार बनने के लिए 15 लाख रुपये देने पड़ते हैं, लेकिन वे (BJP) यहीं नहीं रुकते. BJP की प्रयोगशाला में 18 साल में 18 हजार किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
बीजेपी की प्रयोगशाला में उनके नेता आदिवासियों पर पेशाब करते हैं. आडवाणी जी का यही मतलब था जब उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी-आरएसएस की प्रयोगशाला बनाई जाएगी.
हम केंद्र को जाति जनगणना कराने के लिए मजबूर करेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.
अगर भारत सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो OBC वर्ग के अफसर सिर्फ 5 रुपए का निर्णय लेते हैं. अब आप ये बताइए अगर भारत सरकार 100 रुपए खर्च करती है तो आदिवासी अफसर कितने रुपए का निर्णय लेते हैं? आदिवासी अफसर 100 रुपए में से सिर्फ 10 पैसे का निर्णय लेते हैं. आदिवासी वर्ग का इससे बड़ा अपमान नहीं किया जा सकता.
राहुल गांधी ने दावा किया कि हिंदुस्तान की सरकार को 90 अफसर चलाते हैं. देश का हर छोटा-बड़ा निर्णय यही 90 अफसर लेते हैं. मनरेगा कैसे बनेगा? आदिवासी बिल कैसे बनेगा? डिफेंस का पैसा कैसे खर्च किया जाएगा? इस तरह के सभी छोटे-बड़े निर्णय यही अफसर लेते हैं. लेकिन इन 90 अफसरों में से सिर्फ 3 OBC वर्ग के हैं. इसका मतलब है कि OBC वर्ग के अफसर, देश के सिर्फ पांच प्रतिशत बजट का फैसला लेते हैं.
मध्य प्रदेश की धरती पिछले 18 साल से किसान आत्महत्या, बेलगाम भ्रष्टाचार और आदिवासियों के अपमान का बोझ उठा रही है. लेकिन अब और नहीं... आने वाले चुनाव में मध्य प्रदेश की जनता BJP सरकार को करारा जवाब देगी.
राहुल ने कहा कि कांग्रेस खोखले वादे नहीं करती. हम PESA कानून लाए, वन अधिकार कानून लेकर आए. हमने कानून बनाया था कि- अगर किसी उद्योगपति को आदिवासी की जमीन चाहिए, तो उसे ग्राम सभा के सामने हाथ जोड़कर जमीन मांगनी होगी. लेकिन BJP ने इस PESA कानून को रद्द कर दिया.
BJP सरकार ने आपको डरा-धमकाकर, हिंसा के बल पर आपसे आपकी जमीन छीन ली. मैं आपको गारंटी देता हूं- जो आपका हक है, हम उसे आपको जरूर लौटाएंगे.
आदिवासी और वनवासी में क्या फर्क है? - हम आपको आदिवासी कहते हैं. आदिवासी शब्द का मतलब- हिंदुस्तान के वासी. जो देश में पहले आए थे, जो इस जमीन के असली मालिक हैं. हिंदुस्तान की जमीन, जल, जंगल पर आदिवासियों का सबसे पहला हक बनता है. BJP आपको वनवासी कहती है. जिसका मतलब है- आपका इस जमीन पर हक नहीं है. आप तो जंगल में रहते हैं.
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