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नोट जमा कराने पर योगेंद्र की सफाई- मैंने पीएम, RBI पर भरोसा किया

योगेंद्र यादव ने बैंक को अपने स्पष्टीकरण में कहा- मैंने नकदी जमा नहीं कराई क्योंकि भीड़ छंटने का इंतजार कर रहा था

तरुण अग्रवाल
पॉलिटिक्स
Published:


स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार को बनाया निशाना (फोटो: फेसबुक)
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स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार को बनाया निशाना (फोटो: फेसबुक)
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नोटबंदी के बाद बैंकों में 5000 से अधिक रुपया जमा करने पर पूछताछ किए जाने को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने मोदी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने शुरू कर दिया है.

'स्वराज इंडिया' के चीफ योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और RBI पर भरोसा था, इसलिए अभी तक बैंक जाकर पुराने नोट जमा नहीं कराए थे.

योगेंद्र यादव ने पीएम मोदी की कही हुई पुरानी बात दोहराते हुए कहा, ''नोटबंदी की घोषणा के समय सरकार ने 30 दिसंबर तक अनगिनत नोट जमा करने की समय सीमा तय की थी. लेकिन अब सरकार अपनी बात से मुकर गई है.''

क्या है मामला?

योगेंद्र यादव मंगलवार को अपनी पत्नी मधुलिका बनर्जी के साथ पुराने नोट जमा कराने के लिए यूको बैंक पहुंचे थे. वहां बैंक ने 5000 रुपये से अधिक रकम अब जमा करने का उनसे कारण पूछा. तब उन्‍होंने अपने स्पष्टीकरण में कहा, ‘‘मैंने अभी तक अपनी नकदी जमा नहीं कराई, क्योंकि मैं भीड़ छंटने का इंतजार कर रहा था.''

योगेंद्र ने बाद में केंद्र सरकार को निशाना बनाते हुए कहा, ‘‘मुझे प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और आरबीआई ने भरोसा दिया था कि अभी बैंकों की ओर भागने की जरूरत नहीं है, हमारे पास बैंक में रुपये जमा करने के लिए 30 दिसंबर तक का समय है."

नोटबंदी की नई शर्त

दरअसल, बीते सोमवार को वित्त मंत्रालय ने बैंक खातों में रुपया जमा कराने को लेकर एक नई शर्त लागू की थी. मंत्रालय ने कहा था कि अब से 30 दिसंबर 2016 तक 5000 रुपये से अधिक राशि, पुराने नोटों के रूप में एक बैंक अकाउंट में केवल एक ही बार जमा कराई जा सकती है.

हालांकि लोगों की परेशानियां बढ़ने के बाद अब आरबीआई ने अपना वह सकुर्लर वापस ले लिया है.

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