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नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार सितंबर के दूसरे सप्ताह तक होने की उम्मीद है. नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू की 19 अगस्त को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसमें उम्मीद है की वह एनडीए में शामिल होने का फैसल ले लेगी. इसके बाद केंद्रीय कैबिनेट विस्तार में जेडीयू को भी शामिल करने का फैसला प्रधानमंत्री लेंगे.
बीजेपी चीफ अमित शाह कुछ दिनों पहले ही जेडीयू को एनडीए में शामिल होने का न्योता दे चुके हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीडीपी को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की पूरी संभावना है. वहीं शिवसेना को भी एक और मंत्रालय मिलने की खबर है. हालांकि AIADMK को एनडीए में शामिल करने की संभावना फिलहाल कम लग रही है.
असल में देखा जाये तो फिलहाल मोदी सरकार के कई मंत्रियों के पास अतिरिक्त मंत्रालय की जिम्मेदारी है. मनोहर पर्रिकर के गोवा वापसी के बाद से रक्षा जैसा अहम मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार फिलहाल वित्तमंत्री अरुण जेटली के कंधों पर है. मौजूदा स्थिति में चीन से चल रहा विवाद हो या पाकिस्तान के साथ सीमा पर चल रही तनातनी देश में एक पूर्ण कालिक रक्षा मंत्री जरूरी है.
अनिल माधव दवे के निधन के बाद से पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार फिलहाल हर्षवर्धन के पास है. जिन पर पहले से ही विज्ञान प्रौद्योगिकी जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी है. उधर वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से उनके मंत्रालय की जिम्मेदारी भी दूसरे मंत्रियों को सौंपी गई है.
पीएम मोदी अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते वक्त आने वाले चुनावी समर को भी ध्यान में रख सकते हैं. साथ ही विपक्षी नेताओं की एक जुटता के जवाब के तौर पर एनडीए के घटकदलों को साथ लेकर चलने की रणनीती को ध्यान में रखा जा सकता है.
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी अपने कैबिनेट विस्तार को सियासी और प्रशासनिक तौर पर मजबूत करने की कोशिश करेंगे. ताकि आने वाले चुनावी समर में बीजेपी को और मजबूत बनाया जा सके.
मौजूदा साल के अंत में हिमाचल प्रदेश और प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में चुनाव होने हैं. ऐसे में संभावना है कि गुजरात से कुछ नए चेहरों को जगह दी जाए. या कुछ मंत्रियों का प्रमोशन भी हो सकता है. ठीक ऐसे ही हिमाचल प्रदेश से अनुराग ठाकुर को भी केंद्र सरकार में लाया जा सकता है. हालांकि अनुराग का विवादों से जुड़ा होना उनके लिए अड़चन भरा साबित हो सकता है.
धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल दोनों ही स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्रियों का मोदी सरकार में अबतक का कार्यकाल बेहद अच्छा रहा है. मीडिया रिपोर्ट में भी सरकार में शामिल इन दोनों मंत्रियों के अच्छे परफॉर्मेंस की चर्चा रही है. इसलिए इस बात कि पूरी उम्मीद है की प्रकाश जावडेकर की तरह ही इन दोनों को भी कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है. वहीं गृह राज्य मंत्री हंसराज अहिर को भी प्रमोशन मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है.
जिन मंत्रियों की सरकार से छुट्टी हो सकती है उनमें सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश से आने वाले और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र का है. इसके पीछे की वजह उनकी उम्र भी है. मिश्र फिलहाल 75 साल के हैं. वहीं बिहार से आने वाले और कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं.
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Published: 18 Aug 2017,04:39 PM IST