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मोदी ने कहा, बैंकों का NPA यूपीए की देन, हम पर भारी बोझ लाद दिया

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर किया हमला, कहा बैंकों की दुर्दशा के लिए मनमोहन सरकार जिम्मेदार

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नरेंद्र मोदी ने बैंक एनपीए के लिए यूपीए सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों पर निशाना बनाया 
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नरेंद्र मोदी ने बैंक एनपीए के लिए यूपीए सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों पर निशाना बनाया 
(फाइल फोटो: PTI)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों के एनपीए के सवाल पर कांग्रेस को घेरा है. उन्होंने कहा कि आज कल NPA का जो हल्ला मच रहा है यह पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों की ओर से मेरी सरकार को दिया गया सबसे बड़ा बोझ है.

उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर हमले करते हुए कहा कि यह NPA यूपीए सरकार का सबसे बड़ा घोटाला था. यह कॉमनवेल्थ, टूजी, कोल से भी कहीं बड़ा घोटाला था. जब सरकार में बैठे कुछ लोगों की ओर से बैंकों पर दबाव डालकर खास लोगों को लोन दिलवाया जा रहा था, तब फिक्की जैसी संस्थाएं क्या कर रही थीं. पीएम फिक्की के 90 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. जानिये पीएम ने इस कार्यक्रम में और क्या बोला -

-लोगों को छोटी-छोटी चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ा, बैंक अकाउंट, गैस कनेक्शन के लिए दस जगह चक्कर काटने पड़ता था. अपनी पेंशन बच्चों की स्कॉलरशिप के लिए चक्कर काटना पड़ता था.

- मेरी ये जानने की दिलचस्पी है कि जब पिछली सरकार के द्वारा कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों को लोन दिलवाया जा रहा था तब क्या फिक्की जैसी संस्थाओं ने आवाज उठाई थी बताया था.

- सबको मालूम था कि कुछ ना कुछ घोटाला था. कोल स्कैम, कॉमनवेल्थ से ज्यादा बड़ा घोटाला बैंक घोटाला था.

- पहले की सरकार की नीतियों ने जिस तरह बैंकिंग सेक्टर की दुर्दशा की, उसपर फिक्की ने कोई सर्वे किया था या नहीं. आजकल एनपीए का जो हल्ला मच रहा है वो पहले की सरकार में बैठे अर्थशास्त्रियों के इस सरकार को दी गई सबसे बड़ी लायबिलिटी है.

- जनता की काली कमाई लूटी गई, क्या किसी सर्वे में इसकी तरफ इशारा किया गया था. क्या मौन रहकर सब देखने वाले लोगों को जगाने की कोशिश किसी संस्था ने की थी.

- बैंकों को मजबूत बनाने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है.

- बैंक सुरक्षित रहेंगे तभी देश का हित भी सुरक्षित रहेगा.

- फिक्की जैसी संस्थाओं की बड़ी भूमिका लोगों को जागरूक करने की है.

- पिछले कुछ दिनों से एफआरडीआई के बारे में अफवाह उड़ाई जा रही है. उद्योगजगत को इस बारे में लोगों को बताना चाहिए.

-हम ऐसे सिस्टम का निर्माण कर रहे हैं जो ट्रांसपेरेंट हो बल्कि लोगों को भावनाओं को समझे.

- जनधन योजना को शानदार रिस्पॉन्स मिला.

- 30 करोड़ लोगों ने जनधन अकाउंट खुलवाए हैं.

- ग्रामीण क्षेत्र में जहां खाते ज्यादा खुले हैं वहां महंगाई दर में भी कमी आई है.

- 3 करोड़ महिलाओं गैस कनेक्शन दिया है.

- गरीब को ईंधन के लिए कम पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं.

- मैं गरीबी की दुनिया से निकलकर आपके बीच आया हूं.

- सीमित संसाधन, सीमित पढ़ाई. दुनिया ने मुझे सिखाया कि गरीबों की जरूरतों को समझते हुए कार्य करें और फैसले करें.

- मुद्रा योजना युवाओं की जरूरतों को फायदा दे रही हैं.

- मुद्रा योजना के तहत सरकार गारंटी दे रही है. 3 साल में करीब पौने दस करोड़ लोन मुद्रा योजना से दिए गए हैं, बिना बैंक गारंटी 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा दिए जा चुके हैं.

- सरकार युवाओं की जरूरत के साथ खड़ी है. देश को तीन साल में तीन करोड़ नए एंटरप्रेन्योर मिले हैं.

- ये लोगों ने मुद्रा योजना के तहत बैंक से लोन लिया है.

- स्टार्ट अप के लिए पूंजी देने में मदद की गई.

- 3 साल में सरकार के नीतिगत फैसलों की वजह से निवेश में बहुत बढ़ोतरी हुई है.

- पिछली सरकार के दौरान कुछ बड़े बड़े उद्योगपतियों को लाखों करोड़ के लोन दिए गए. बैंकों पर दबाव डालकर पैसे दिलवाए गए.

-रेरा जैसे कानून पहले क्यों नहीं बने. मध्यम वर्ग की दिक्कत को सरकार ने समझा. बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई गई है

- हमने समझा कि मार्च में बजट पेश होने पर लंबे अरसे तक कोई काम नहीं हो पाता. बजट को हमने 1 महीने पहले कर दिया.

- इस साल तय समय से पहले पैसा मिला, योजनाओं पर काम करने का मौका मिला, सालभर काम हुआ

- यूरिया पर नई पॉलिसी बनी, टेक्सटाइल, एविएशन, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ पर नई पॉलिसी बनाई

- हवाई चप्पल वाला भी हवाई जहाज में चलेगा

- फोरेक्स 40 हजार करोड़ डॉलर

- कंपिटीटिव इंडेक्स में 32 अंक का सुधार

- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 3 साल में 42 पायदान उछला

- कार, थ्री व्हीलर, कमर्शियल में भारी बिक्री दर्ज की गई है

- फोरेक्स 40 हजार करोड़ डॉलर

- कंपिटीटिव इंडेक्स में 32 अंक का सुधार

- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में 3 साल में 42 पायदान उछला

- कार, थ्री व्हीलर, कमर्शियल में भारी बिक्री दर्ज की गई है

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Published: 13 Dec 2017,05:58 PM IST

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